📑सोहगौरा
उत्तर प्रदेश में गोरखपुर में राप्ती नदी किनारे स्थित है। यहाँ से एक ताम्रपट्ट पर लेखबद्ध मौर्यकालीन प्राचीन लेख प्राप्त हुआ है। लिपि मौर्यकालीन ब्राह्मी है और भाषा प्राकृत। यह अभिलेख चार पंक्तियों में वर्णित है।
विशेषताएं :-
- प्राचीन भारत में अकाल की त्रासदी से निपटने के लिए कोष्ठागार निर्माण तथा उसमें संग्रहीत अन्न के वितरण की जानकारी मिलती है।
- यह अन्न वितरण के लिए प्रथम आभिलेखिक प्रमाण है।
- सोहगौरा का पुरास्थल भारतीय लेखन कला की प्राचीनता को प्रमाणित करने वाला पहला अभिलेख प्रस्तुत करता है।
- अभिलेख के ऊपर वस्तु संरचना का प्रथम बार अंकन हुआ है।
- लेख के ऊपर कोष्ठागारों, कमल की कली, वेदिका से परिवेष्टित वृक्ष तथा पर्वत पर चन्द्र के चिन्हों का अंकन हुआ है। ये सभी दृश्य मौर्य युगीन आहत मुद्राओं पर दृष्टिगोचर होते हैं।
- गोरखपुर जनपद से प्राप्त प्रथम राजकीय अभिलेख।
- मौर्य काल में अभिलेख लेखन हेतु धातु का प्रयोग।
- प्रशासनिक दृष्टि से तृतीय शताब्दी ई० पू० में गोरखपुर परिक्षेत्र श्रावस्ती के महामात्यों के अन्तर्गत आता था।
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