सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

राजस्थान की कला एवं संस्कृति लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

राजस्थानी साहित्य

राजस्थानी साहित्य ✍️अभिलेखीय साहित्य -   राजस्थानी साहित्य का प्रारंभिक साहित्य हमें अभिलेखीय सामग्री के रूप में मिलता है, जिसमें शिलालेखों, अभिलेखों, सिक्कों तथा मुहरों में जो साहित्य उत्कीर्ण है उस साहित्य को अभिलेखीय साहित्य कहा जा सकता है।   यह अत्यल्प मात्रा में उपलब्ध होती है लेकिन जितनी भी सामग्री उपलबध होती है उसका साहित्यिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व है। ✍️लोकसाहित्य-   राजस्थानी साहित्य में लिखित साहित्य 'वाणीनिष्ठता' की विशेषता को लिये रहा है जिसे लोकसाहित्य कहा गया है।  यह साहित्य लोक के अनुभव का अक्षय भंडार रहा, जहां विविध विधाओं में साहित्य हमें श्रवण परंपरा से प्राप्त होता रहा।  ✍️ राजस्थानी साहित्य की इतिहास परंपरा के विभिन्न काल- 1. प्राचीन काल- वीरगाथा काल (1050 से 1550 ई.)-  भारतवर्ष पर निरंतर होने वाले हमले पश्चिम दिशा से हो रहे थे। इनका अत्यधिक प्रभाव राजस्थान प्रदेश पर पड़ रहा था और यहां के शासकों को संघर्ष करना पड़ रहा था। ऐसी परिस्थिति में संघर्ष की भावना को बनाए रखने के लिए तथा समाज वीर नायकों के आदर्श को प्र...