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संरचना तथा भूआकृति विज्ञान

  संरचना तथा भूआकृति विज्ञान क्या आपने कभी सोचा है कि मिट्टी की उर्वरता, गठन व स्वरूप   अलग क्यों है? अथवा   क्या आपने यह भी सोचा होगा कि अलग-अलग स्थानों पर चट्टानों के प्रकार भी भिन्न   हैं? चट्टानें व मिट्टी आपस में संबंधित हैं क्योंकि असंगठित चट्टानें वास्तव में मिट्टियाँ ही हैं। पृथ्वी के धरातल पर चट्टानों व मिट्टियों में भिन्नता धरातलीय स्वरूप के अनुसार पाई जाती है। वर्तमान अनुमान के अनुसार पृथ्वी की आयु लगभग 46 करोड़ वर्ष है। इतने लम्बे समय में अंतर्जात व बहिर्जात बलों से अनेक परिवर्तन हुए हैं। इन बलों की पृथ्वी की धरातलीय व अधस्तलीय आकृतियों की रूपरेखा निर्धारण में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। क्या आप जानते हैं कि करोड़ों वर्ष पहले ‘इंडियन प्लेट’ भूमध्य रेखा से दक्षिण में स्थित थी।   यह आकार में काफी विशाल थी और ‘आस्ट्रेलियन प्लेट’ इसी का हिस्सा थी।   करोड़ों वर्षों के दौरान, यह प्लेट काफी हिस्सों में टूट गई और आस्ट्रेलियन प्लेट दक्षिण-पूर्व तथा इंडियन प्लेट उत्तर दिशा में खिसकने लगी।

भारत की स्थिति

  भारत – स्थिति भारत के मानचित्र को देखिए  इसका अक्षांशीय विस्तार 8°4 ′ से लेकर 37°6 ′ उत्तरी अक्षांश   एवं देशांतरीय विस्तार 68°7 ′ पूर्व देशांतर से 97°25 ′ पूर्व देशांतर के मध्य है । प्रश्न . क्या   आप इसके दक्षिणतम् और उत्तरतम्   अक्षांशों को तथा सबसे पूर्वी   और सबसे पश्चिमी देशांतरों   को चिह्नित कर सक ते हैं? उत्तर:- दक्षिणतम् अक्षांशों - 8°4 ′ उत्तरी अक्षांश   उत्तरतम्   अक्षांशों - 37°6 ′ उत्तरी अक्षांश   सबसे पूर्वी   देशांतरों -   97°25′ पूर्व देशांतर सबसे पश्चिमी देशांतरों -   68°7′ पूर्व  देशांतर भारत   की मुख्य भूमि उत्तर में   कश्मीर से लेकर दक्षिण में   कन्याकुमारी तक और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम में   गुजरात तक फैली हुई है।   भारत का सीमांतर्गत क्षेत्र आगे   समुद्र की ओर 12 समुद्री मील   (लगभग 21.9 किलोमीटर) तक   फैला हुआ है। मानक मील : ...