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संवैधानिक विकास

संवैधानिक विकास


👉 31 दिसंबर 1600 को महारानी एलिजाबेथ प्रथम के चार्टर के माध्यम से अंग्रेज भारत आए। 
👉 प्रारंभ में इनका मुख्य उद्देश्य व्यापार था जो ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से शुरू किया गया। 
👉 मुगल बादशाह 1764 में बक्सर के युद्ध में विजय के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को दीवानी अधिकार दिए।
👉 1765 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल,बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी अधिकार प्राप्त कर लीए।
👉 1858 ईस्वी में हुए सैनिक विद्रोह ऐसे भारत शासन का दायित्व सीधा ब्रिटिश ताज ने ले लिया।
👉 सर्वप्रथम आजाद भारत हेतु संविधान की अवधारणा एम. एन. राय के द्वारा 1934 में दी गई। 
👉 एम. एन. राय के सुझावों को अमल में लाने के उद्देश्य से 1946 में सविधान सभा का गठन किया गया।
👉 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ।
👉 संविधान की अनेक विशेषता ब्रिटिश शासन चली गई तथा अन्य देशों से भी, जिनका क्रमवार विकास निम्न प्रकार से हुआ-

1. कंपनी का शासन (1773 ई. - 1858 ई. तक) 
2. ब्रिटिश ताज का शासन (1858 ई. – 1947 ई. तक)


Constitutional development

👉The British came to India on 31 December 1600 through the charter of Queen Elizabeth I.
👉 Initially their main objective was trade which started through the East India Company.👉 Mughal emperor gave civil rights to East India Company after victory in Buxar war in 1764.
👉 In 1765 AD, the East India Company acquired the civil rights of Bengal, Bihar and Orissa.
👉 The British Crown took the responsibility of suh Indian rule directly in 1858 AD.
👉 Firstly the concept of constitution for independent India, MN.  Given by Rai in 1934.
👉 The Constituent Assembly was formed in 1946 with the aim of implementing Rai's suggestions.
 👉Constitution came into force on 26 January 1950.
👉Many of the features of the Constitution went to British rule and also from other countries, whose development was in the following way -


 1. Company rule (1773 AD - 1858 AD)

 2. British Crown rule (1858 AD - 1947 AD)

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