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महल

महल


हवामहल का निर्माण करवाया गया ?

(1) राजा भगवानदास 

(2) राजा मानसिंह

(3) सवाई प्रतापसिंह 

(4) महाराजा सवाई जयसिंह

[PSI - 15.9.2021] [ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-7.11.2020 (1)] [PSI (मोटर वाहन) - 12.02.2022][ छात्रावास अधीक्षक, 2008] [वनरक्षक-11.12.2022 (11)] [क. अनुदेशक (इलेक्ट्रीशियन) - 24.03.2019] 

Ans. (3) 


हवामहल की पहली मंजिल का नाम क्या है?

(1) रत्नमंदिर 

(2) प्रकाशमंदिर 

(3) हवामंदिर 

(4) प्रतापमंदिर 

[प्रयोगशाला सहायक - 03.02.2019] 

Ans. (4) 

 

हवा महल की तीसरी मंजिल का नाम है- 

(1) रतनमंदिर 

(2) विचित्रमंदिर

(3) शरदमंदिर 

(4) प्रकाशमंदिर 

[III Grade (Hindi) -26.02.2023] 

Ans. (2) 


हवामहल की डिजाइन किसके द्वारा तैयार किया गया था- 

(1) जयसिंह 

(2) रतनसिंह

(3) लालचंद उस्ता 

(4) हरिसिंह 

[ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-07.11.2020 (II)] 

Ans. (3) 


जयपुर के हवामहल में कितनी मंजिलें हैं?

(1) तीन 

(2) चार

(3) पाँच 

(4) सात

[वनपाल-06.11.2022 (S-II)] 

Ans. (3) 


हवामहल (जयपुर) के बारे में कौन-सा / से बयान सही है / हैं-  

1. हवामहल एक आठ मंजिली संरचना है। 

2. हवामहल महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था। 

3. हवामहल में 953 झरोखे या जटिल डिजाइनों से सजाई गई खिड़कियाँ है । 

4. हवा महल एक पाँच मंजिली संरचना है।

(1) 1, 2 और 3 

(2) 1 और 2 

(3) 1 और 3 

(4) 2 और 3 

[ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-15.07.2018 (II)] [पटवार- 23.10.2021 ( Shift-II)]

Ans. 4

व्याख्या - हवामहल 1799 ई. में सवाई प्रतापसिंह द्वारा निर्मित यह पाँच मंजिल की भव्य इमारत । इस इमारत को उस्ताद लालचन्द कारीगर ने बनाया था। हवामहल की पहली मंजिल शरद मंदिर, दूसरी रत्न मंदिर, तीसरी विचित्र मंदिर, चौथी प्रकाश मंदिर और पाँचवीं मंजिल हवा मंदिर के नाम से जानी जाती हैं। प्रथम मंजिल पर स्थित प्रताप मंदिर महाराजा प्रतापसिंह का निजी कक्ष था। इसकी विशेषता यह है कि यह बिना नींव के ही समतल जमीन पर बना हुआ है। इसका निर्माण बलुआ पत्थर तथा चूने से किया गया है। हवामहल में छोटी बड़ी कुल 953 खिड़कियाँ हैं तथा मुख्य खिड़कियों की संख्या 365 है। कहा जाता है कि प्रताप सिंह भगवान श्री कृष्ण के भक्त थे इसलिए इसका निर्माण मुकुट के आकार में करवाया। वर्तमान में इसे राजकीय संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।


'काठ का रैन बसेरा' महल स्थित है-

(1) बीकानेर 

(2) उदयपुर 

(3) जोधपुर 

(4) झालावाड़ 

[ पटवारी परीक्षा 2011] 

Ans. (4)

व्याख्या - काठ का रैनबसेरा झालावाड़ से 7 किमी. दूर किशनसागर झील के किनारे लकड़ी से निर्मित एक अत्यंत सुन्दर विश्राम गृह ( देहरादून की वन शोध संस्थान द्वारा निर्मित), जिसे झालावाड़ के तत्कालीन महाराजा 1936 ई. में लखनऊ की एक उद्योग प्रदर्शनी में से खरीदकर लाये थे।


आमेर पैलेस स्थित है - 

(1) प्रतापगढ़ 

(2) जालौर 

(3) जयपुर 

(4) उदयपुर 

[ राजस्थान पुलिस 13.5.2022 (S-1)] 

Ans. (3)

व्याख्या- आमेर का महल ( जयपुर ) की मावठा झील के पास की पहाड़ी पर स्थित, कछवाहा राजा मानसिंह द्वारा 1592 में निर्मित यह महल हिन्दु-मुस्लिम शैली का समन्वित रूप है।


एक खम्भा (थंबा) महल के नाम से प्रसिद्ध प्रहरी मीनार का निर्माण किसने करवाया ? 

(1) महाराजा जसवन्त सिंह प्रथम ने 

(2) राव मालदेव ने 

(3) महाराजा अजीत सिंह ने 

(4) राव चन्द्रसेन ने 

[पटवारी परीक्षा 2011] 

Ans. (3)

व्याख्या - एक थम्बा महल मंडौर स्थित 'प्रहरी मीनार' के नाम से प्रसिद्ध अष्टकोणीय खम्भे के आकार में बने तीन मंजिला भवन जिसे महाराजा अजीत सिंह के शासनकाल में निर्मित किया गया।


वह किला जिसमें एक जैसे नौ महल हैं? 

(1) आमेर का किला

(2) जोधपुर का किला  

(3) नाहरगढ़ का किला 

(4) जूनागढ़ का किला

[वनरक्षक-11.12.2022 (S-I)] [III Grade Teacher-2004] [III Grade (Hindi) -26.02.2023] 

Ans. (3)

व्याख्या - नाहरगढ़ का किला 'सुदर्शनगढ़' नाम से प्रसिद्ध (सुदर्शनधारी भगवान कृष्णजी का मंदिर स्थित होने के कारण ) है। अरावली पर्वतमाला पर स्थित यह दुर्ग जयपुर के मुकुट के समान है। सवाई माधोसिंह द्वितीय ने अपनी 9 प्रेयसियों (पासवानों) के नाम पर यहाँ एक जैसे 9 महलों (चाँद प्रकाश, लक्ष्मी प्रकाश, ललित प्रकाश, बसंत प्रकाश, फूल प्रकाश, जवाहर प्रकाश, खुशहाल प्रकाश, आनंद प्रकाश, सूरज प्रकाश) का निर्माण करवाया।


एक महल जिसका निर्माण किले की भांति किया गया है। जहाँ मजबूत बाहरी दीवारों पर अस्त व्यस्त बुर्ज एवं गुम्बद, खुली छतें, मौखे सहित पहरा चौकियाँ, परकोटे में तीरन्दाजों के लिए झिरियों जिससे सैनिकों के घिर जाने का प्रतिकार किया जा सके; वह है:-

(1) जग निवास, उदयपुर 

(2) जूना पैलेस, डूंगरपुर 

(3) राई का बाग पैलेस, जोधपुर 

(4) बादल महल, जैसलमेर 

 [ वनरक्षक परीक्षा-2013] 

Ans. (2)

व्याख्या - जूना महल ( डूंगरपुर) : 13वीं सदी में निर्मित यह महल आकर्षक भित्ति चित्रों व शीशे के कार्यों से अलंकृत है। इस महल की नींव महारावल वीर सिंह ने 12वीं सदी के अंत में रखी थी।


विश्व का सबसे बड़ा चाँदी का पात्र कहाँ रखा हुआ है? 

(1) सिटी पैलेस, जयपुर 

(2) खेतड़ी (झुंझुनूँ) 

(3) हर्ष की पहाड़ियाँ, सीकर

 (4) लेक पैलेस, उदयपुर 

[RPSC Jr. A/c-1994] 

Ans. (1)

व्याख्या:- सिटी पैलेस (चन्द्रमहल) जयपुर में स्थित चाँदी के पात्र (विश्व के सबसे बड़े) तथा बीछावत पर बारीक काम (सुई से बना चित्र) विश्व प्रसिद्ध है। यह जयपुर राजपरिवार का निवास स्थान था। यहाँ स्थित दीवाने-आम में महाराजा का निजी पुस्तकालय (पोथीखाना) एवं शास्त्रागार है। 1900 ई. में बनवाये गये इस महल के पूर्वी द्वार को सिरह- ड्योढ़ी कहते है । यहाँ मुगल, यूरोपीय एवं राजपूत स्थापत्य कला का अद्भुत समन्वय के लिए मेहमानबाजी के लिए महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित 'मुबारक महल' स्थित है।


सुमेलित युग्म है:- 

(1) नथमल की हवेली - जोधपुर 

(2) फलवर्द्धिका देवी मंदिर - माऊण्ट आबू 

(3) चन्द्र महल - जयपुर 

(4) मालकोट दुर्ग - हनुमानगढ़ 

[Protection Officer 28.01.2023] 

Ans. (3)


मुगल, यूरोपीय एवं राजपूत स्थापत्य कला का अद्भुत समन्वय लिए मेहमानबाजी के लिए निर्मित 'मुबारक महल' स्थित है? 

(1) टोंक 

(2) जयपुर 

(3) लावा सरदारगढ़ 

(4) झालावाड़ 

[ III Grade T. 2006] 

Ans. (2)

व्याख्या - जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित मुबारक महल का निर्माण सवाई माधोसिंह (1880 से 1922 ई.) ने अतिथियों के ठहरने के लिये करवाया गया था। ज्ञातव्य हैकि टोंक में भी मुबारक महल स्थित है जो ऊँट की कुर्बानी के कारण चर्चित रहा है। टोंक में ईदुलजुहा (बकरा ईद) पर करीब 136 वर्ष से चली आ रही ऊँट की कुर्बानी की रस्म आज भी अपने परम्परागत तरीके से अदा की जा रही है। टोंक में सन् 1864 में रियासत काल के चौथे नवाब इब्राहीम अली खाँ द्वारा ऊँट की कुर्बानी शुरू की गई थी।


अनेक खिड़कियों और झरोखों से सुसज्जित खेतड़ी महल के बहुमंजिले भव्य भवन में लखनऊ की भूल-भुलैया और जयपुर के हवामहल की झलक देखी जा सकती है। शेखावाटी के इस हवामहल का निर्माण खेतड़ी के महाराजा भोपालसिंह ने ग्रीष्मकालीन विश्राम स्थल के रूप में करवाया था । यह अद्भुत महल स्थित है ?

(1) खेतड़ी में 

(2) पिलानी में 

(3) झुंझुनूँ में

(4) चूरू में 

 [III Grade Teacher - 2006] 

Ans. (3)


कौनसी इमारत 'झुन्झुनूं का हवामहल' के नाम से विख्यात है- 

(1) खेतड़ी महल 

(2) जसवन्त थड़ा 

(3) जगमन्दिर पैलेस 

(4) लालगढ़ पैलेस 

[पशु परिचर-2.12.2024 (S-1)] 

Ans. (1)

व्याख्या - झुंझुनूँ के 9 महलों के क्षेत्र में अवस्थित खेतड़ी महल को खेतड़ी के राजा भोपालसिंह ने सन् 1760 में ग्रीष्म ऋतु के विश्राम के लिए बनाया था। इनमें पाँच मंजिलों और तीन तरफा महल की सात मंजिली कटोरेनुमा बुर्ज है। ऊपर से यह महल मुकुट की शक्ल का है। महल में कई बारादरियाँ है जो राजाओं की शान-शौकत की प्रतीक है। शेखावाटी में बेजोड़ स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध यह महल 'राजस्थान का दूसरा हवामहल' कहलाता है।


जोगी महल स्थित है? 

(1) चित्तौड़गढ़ 

(2) रणथम्भौर 

(3) लोहागढ़ 

(4) नाहरगढ़ 

[Veterinary Officer - 02.08.2020] [वनरक्षक- 2013] [Librarian Garde-III Exam - 19.09.2020] 

Ans. (2)

व्याख्या - रणथम्भौर दुर्ग के प्रवेश द्वार के बाई ओर स्थित महल जोगी महल है। कहते हैं कि यहाँ एक ऋषि रहता था। राजा ने ऋषि के रहने के लिए इस भवन का निर्माण करवाया था किन्तु बाद में यहाँ साधुओं के डेरे लगने लगे। इसी कारण इसका नाम जोगी महल पड़ गया।


प्रसिद्ध स्मारक सुनहरी कोठी स्थित है- 

(1) जयपुर 

(2) अजमेर 

(3) टोंक 

(4) बून्दी 

[Librarian Garde-III Exam 13.11.2016] [Asst. Testing Officer 27.07.2021] 

Ans. (3)


किसने टोंक में नृत्य, गायन और संगीत के लिए एक शानदार हॉल 'सुनहरी कोठी' का निर्माण करवाया है? 

(1) नवाब वाजिद अली शाह 

(2) नवाब अमीर खान अली खान

(3) नवाब बिरजिस कद्र

(4) नवाब मुहम्मद इब्राहिम 

[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल - 14.07.2018 (I)] 

Ans. (4) 


कौनसा सुमेलित नहीं है? 

(1) राष्ट्रीय मरु उद्यान - जैसलमेर 

(2) जोगनिया माता मंदिर - भीलवाड़ा 

(3) सुनहरी कोठी - सीकर 

(4) मूसी महारानी छतरी - अलवर 

[VDO Mains -09.07.2022] 

Ans. (3)

व्याख्या - सुनहरी कोठी टोंक बड़ा कुआँ के पास नजर बाग में रत्न, काँच एवं सोने की झाल देकर बनायी गयी सुनहरी कोठी स्थित है। नवाब वजीउद्दौला खाँ द्वारा 1824 में निर्मित 'शीशमहल' के नाम से प्रसिद्ध इस इमारत में रंगीन शीशों जड़ित उत्कृष्ट कार्य किया गया है। रियासत के चौथे नवाब इब्राहिम अली खान ने 1867 से 1885 के बीच इसमें पच्चीकारी का काम करवाया। जिससे इसकी खूबसूरती पर चार चाँद लग गये। इसका पहले नाम ज़रनिगार रखा गया था।


राजस्थान में 'स्कल्पचर पार्क' निम्न में से किस 'पैलेस' में स्थित है? 

(1) जल महल पैलेस 

(2) माधवेन्द्र पैलेस 

(3) सरिस्का पैलेस 

(4) उम्मेद भवन पैलेस

[LDC Exam -19.08.2018] 

Ans. (2) 

व्याख्या - 10 दिसंबर, 2017 को जयपुर के नाहरगढ़ फोर्ट, माधवेंद्र पैलेस में द स्कल्पचर पार्क का शुभारंभ किया गया। इस पार्क का दूसरा संस्करण 9 दिसंबर, 2018 को खोला गया और 1 नवंबर, 2019 तक चला।


छीतर पैलेस के नाम से प्रसिद्ध है ? 

(1) चन्द्रमहल 

(2) विजय मन्दिर 

(3) सामोद महल 

(4) उम्मेद भवन पैलेस

[ पटवार- 2011] [III Grade (Maths-Science) - 25.2.2023][ACF & FRO- 18.02.2021] [Lab Assistent (Home Sci.) -30.06.2022] 

Ans. (4)

व्याख्या - उम्मेदभवन (जोधपुर) का शिलान्यास 18 नवम्बर, 1928 को महाराजा उम्मेदसिंह द्वारा किया गया। उम्मेदभवन एशिया के भव्य प्रासादों में से एक है। इसका निर्माण अकाल राहत कार्यों के तहत् ( 1928- 1940) सम्पन्न हुआ। उम्मेदभवन को छीतर पत्थर से बनने के कारण छीतर पैलेस भी कहा जाता है।


चोखोलाव महल राजस्थान के किस किले में स्थित है-

(1) जोधपुर 

(2) बीकानेर 

(3) जैसलमेर 

(4) ) रणथम्भौर 

[IInd Gr. Spc. Edu. 2017][JEN (Civil) Dip. - 18.5.2022] 

Ans. (1)

व्याख्या - जोधपुर दुर्ग ( मेहरानगढ़ ) स्थित महलों में मोती महल, फूल महल, फतेह महल, ख्वाबगाह का महल, चोखोलाव महल, बिचला महल, तखत विलास, सिलह खाना, दौलत खाना, मान विलास आदि प्रमुख है।


बूँदी में 'रंगमहल' का निर्माण करवाया ? 

(1) रतन 

(2) भावसिंह 

(3) छत्रसाल 

(4) माधोसिंह 

[CET : 08.01.2023 (S-II)] [II Grade (Maths) Exam. 2011] 

Ans. (3)

व्याख्या - बूँदी के महाराव छत्रसाल द्वारा बूँदी में भित्ति चित्रों हेतु प्रसिद्ध 'रंगमहल' का निर्माण करवाया।


आमेर महल में दीवान-ए-आम का निर्माण किसने करवाया ?  

(1) राजा भगवानदास

(2) राजा मानसिंह 

(3) मिर्जा राजा जयसिंह 

(4) महाराजा सवाई जयसिंह

[कनिष्ठ अनुदेशक (इलेक्ट्रीशियन) - 24.03.2019]

Ans. (3) 

व्याख्या - आमेर दुर्ग के 'दीवान-ए-खास' भवन में जनसामान्य से भेंट हेतु राजा का आम दरबार लगता था। इसका निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था।


जहाँगीर के महल कहाँ स्थित है - 

(1) किशनगढ़ 

(2) डीग 

(3) अजमेर 

(4) पुष्कर 

[ RAS Exam - 2013] 

Ans. (4)

व्याख्या - अजमेर के पुष्कर में वाराह घाट के सामने जहाँगीर के महल स्थित है।


डीग के महलों का निर्माण किस शासक ने करवाया ? 

(1) जवाहरसिंह 

(2) सूरजमल 

(3) बदनसिंह 

(4) मानसिंह

[II Grade T. (Science) Ex.. 2010]

Ans. (3)

व्याख्या - डीग के महलों का निर्माण महाराजा बदनसिंह तथा डीग स्थित जल महल का निर्माण महाराजा सूरजमल ने करवाया था।


निम्नलिखित में से कौनसा डूंगरपुर के 'एक थंबिया महल' को चारों ओर से घेरने वाले चार महलों में से एक नहीं हैं ? 

(1) विजय निवास  

(2) उदय विलास 

(3) हुकुम निवास

(4) खुमन निवास 

[ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल- 15.05.2022 (11)] 

Ans. (3) 

व्याख्या- चौथे महल का नाम लक्ष्मण निवास है।


'कृष्णा विलास महल' स्थित है:-

(1) उदयपुर 

(2) जोधपुर 

(3) जयपुर 

(4) सिरोही

[पटवारी परीक्षा 2011]  

Ans. (1)

व्याख्या - उदयपुर स्थित कृष्णा विलास महल के परिसर में कृष्णा विलास नाम का एक अन्य कक्ष भी है। यहाँ पर लघु चित्रों का भण्डारण किया गया है।


सुमेलित नहीं है ?

(1) बादल विलास - जैसलमेर 

(2) लालगढ़ महल - बीकानेर 

(3) जूना महल - डूंगरपुर

(4) फूल सागर महल - उदयपुर 

 [ Superintendent Garden-28.07.2021] 

Ans. (4) 

व्याख्या - फूल सागर महल बूँदी में स्थित है।


सुमेलित कीजिए-

(1) फतह प्रकाश पैलेस          (A) सिरोही 

(2) सुखमहल पैलेस              (B) चित्तौड़गढ़ 

(3) केसर विलास पैलेस         (C) भरतपुर 

(4) किशोरी महल                 (D) बूँदी 

       1    2    3   4 

(1)  A    B   C   D 

(2)  B   D   A   C 

(3)  D  C   B    A 

(4)  C  D   A    B 

Ans. (2)

व्याख्या - चित्तौड़गढ़ में स्थित फतेह प्रकाश पैलेस महाराणा प्रताप ने बनवाया था। 

• बूंदी में स्थित सुख महल पैलेस का निर्माण महाराजा विष्णु सिंह ने 1773 ई. में करवाया था। 

• केसर विलास पैलेस सिरोही में स्थित है। 

• भरतपुर में स्थित किशोरी महल को महाराजा सूरजमल ने अपनी रानी किशोरी देवी के लिए बनवाया था ।


फतेह प्रकाश महल का निर्माण किस किले में कराया गया था - 

(1) चित्तौड़गढ़ का किला 

(2) मेहरानगढ़ का किला 

(3) जैसलमेर का किला 

(4) नाहरगढ़ का किला

[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल - 7.11.2020 (11)] 

Ans. (1) 


सुमेलित कीजिए-

(A) मुबारक महल         (1) डूंगरपुर

(B) सुनहरी कोठी          (2) टोंक

(C) रेशमा महल            (3) सीकर

(D) एक थंबिया महल    (4) जयपुर

कूट : (A) (B) (C) (D)

(1)    4      2      3     1 

(2)    4      3     2     1 

(3)     1      2     3    4 

(4)     1      4     2    3 

[ वनरक्षक- 13.12.2022 (S-II)]

Ans. (1)


राजस्थान का ताजमहल

जसवन्त थड़ा (जोधपुर)

राजस्थान का दूसरा ताजमहल

वीर कल्ला रायमलोत का थड़ा (सिवाणा, बालोतरा )

हाड़ौती का ताजमहल

अबली - मीणी का महल ( दर्रा, कोटा )

कांठल का ताजमहल

काकाजी दरगाह ( प्रतापगढ़)

वस्त्र ताजमहल

लालडेरा (मेहरानगढ़, जोधपुर )

शेखावाटी का हवामहल

खेतड़ी महल (झुंझुनूँ)(राजस्थान का दूसरा हवामहल ) 

मुबारक महल एवं शीश महल

जयपुर एवं टोंक

हाड़ी रानी का महल

सलूम्बर जिले में

हाड़ौती का हवामहल

अभेड़ा महल, कोटा (चम्बल नदी पर अभयसिंह द्वारा निर्मित )


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संवैधानिक विकास 👉 31 दिसंबर 1600 को महारानी एलिजाबेथ प्रथम के चार्टर के माध्यम से अंग्रेज भारत आए।  👉 प्रारंभ में इनका मुख्य उद्देश्य व्यापार था जो ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से शुरू किया गया।  👉 मुगल बादशाह 1764 में बक्सर के युद्ध में विजय के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को दीवानी अधिकार दिए। 👉 1765 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल,बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी अधिकार प्राप्त कर लीए। 👉 1858 ईस्वी में हुए सैनिक विद्रोह ऐसे भारत शासन का दायित्व सीधा ब्रिटिश ताज ने ले लिया। 👉 सर्वप्रथम आजाद भारत हेतु संविधान की अवधारणा एम. एन. राय के द्वारा 1934 में दी गई।  👉 एम. एन. राय के सुझावों को अमल में लाने के उद्देश्य से 1946 में सविधान सभा का गठन किया गया। 👉 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। 👉 संविधान की अनेक विशेषता ब्रिटिश शासन चली गई तथा अन्य देशों से भी, जिनका क्रमवार विकास निम्न प्रकार से हुआ- 1. कंपनी का शासन (1773 ई. - 1858 ई. तक)  2. ब्रिटिश ताज का शासन (1858 ई. – 1947 ई. तक) Constitutional development 👉The Brit...

1781 ई. का एक्ट ऑफ सेटलमेंट

1781 ई. का Act of settlement(बंदोबस्त कानून) 👉 1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट के दोषों को दूर करने के लिए ब्रिटिश संसद के प्रवर समिति के अध्यक्ष एडमंड बर्क के सुझाव पर इस एक्ट का प्रावधान किया गया। 👉 इसके अन्य  नाम - संशोधनात्मक अधिनियम (amending act) , बंगाल जुडीकेचर एक्ट 1781 इस एक्ट की विशेषताएं:- 👉कलकत्ता के सभी निवासियों को सर्वोच्च न्यायालय के अधिकर क्षेत्र के अंतर्गत कर दिया गया। 👉 इसके तहत कलकत्ता सरकार को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का अधिकार दे दिया गया। अब कलकत्ता की सरकार को विधि बनाने की दो श्रोत प्राप्त हो गए:-  1. रेगुलेटिंग एक्ट के तहत कलकत्ता प्रेसिडेंसी के लिए 2. एक्ट ऑफ सेटलमेंट के अधीन बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा के दीवानी प्रदेशों के लिए 👉 सर्वोच्च न्यायालय के लिए आदेशों और विधियों के संपादन में भारतीयों के धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाजों तथा परंपराओं का ध्यान रखने का आदेश दिया गया अर्थात् हिंदुओं व मुसलमानों के धर्मानुसार मामले तय करने का प्रावधान किया गया । 👉 सरकारी अधिकारी की हैसियत से किए गए कार्यों के लिए कंपनी ...

राजस्थान नगरपालिका ( सामान क्रय और अनुबंध) नियम, 1974

  राजस्थान नगरपालिका ( सामान क्रय और अनुबंध) नियम , 1974 कुल नियम:- 17 जी.एस.आर./ 311 (3 ) – राजस्थान नगरपालिका अधिनियम , 1959 (1959 का अधिनियम सं. 38) की धारा 298 और 80 के साथ पठित धारा 297 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए , राज्य सरकार इसके द्वारा , निम्नलिखित नियम बनाती हैं , अर्थात्   नियम 1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ – ( 1) इन नियमों का नाम राजस्थान नगरपालिका (सामान क्रय और अनुबंध) नियम , 1974 है। ( 2) ये नियम , राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से एक मास पश्चात् प्रवृत्त होंगे। राजपत्र में प्रकाशन:- 16 फरवरी 1975 [भाग 4 (ग)(1)] लागू या प्रभावी:- 16 मार्च 1975 [ 1. अधिसूचना सं. एफ. 3 (2) (75 एल.एस.जी./ 74 दिनांक 27-11-1974 राजस्थान राजपत्र भाग IV ( ग) ( I) दिनांक 16-2-1975 को प्रकाशित एवं दिनांक 16-3-1975 से प्रभावी।]   नियम 2. परिभाषाएँ – इन नियमों में , जब तक संदर्भ द्वारा अन्यथा अपेक्षित न हो , (i) ' बोर्ड ' के अन्तर्गत नगर परिषद् ( Municipal Council) आती है ; (ii) ' क्रय अधिकारी ' या ' माँगकर्त्ता अधिकार...

वैश्विक राजनीति का परिचय(Introducing Global Politics)

🌏 वैश्विक राजनीति का परिचय( Introducing Global Politics)

राजस्थान के दुर्ग

  दुर्ग

1726 ईस्वी का राजलेख

1726 ईस्वी का राजलेख इसके तहत कलकात्ता, बंबई तथा मद्रास प्रेसिडेंसीयों के गवर्नर तथा उसकी परिषद को विधि बनाने की शक्ति प्रदान की गई, जो पहले कंपनी के इंग्लैंड स्थित विद्युत बोर्ड को प्राप्त थी।  यह सीमित थी क्योंकि - (1) यह ब्रिटिश विधियों के विपरीत नहीं हो सकती थी। (2) यह तभी प्रभावित होंगी जब इंग्लैंड स्थित कंपनी का निदेशक बोर्ड अनुमोदित कर दे। Charter Act of 1726 AD  Under this, the Governor of Calcutta, Bombay and Madras Presidencies and its Council were empowered to make laws, which was previously with the Company's Electricity Board based in England.  It was limited because -  (1) It could not be contrary to British statutes.  (2) It shall be affected only when the Board of Directors of the England-based company approves.

ऐतिहासिक संदर्भ(Historical Context)

 🗺  ऐतिहासिक संदर्भ(Historical Context)

अरस्तू

🧠   अरस्तू यूनान के दार्शनिक  अरस्तू का जन्म 384 ईसा पूर्व में मेसीडोनिया के स्टेजिरा/स्तातागीर (Stagira) नामक नगर में हुआ था। अरस्तू के पिता निकोमाकस मेसीडोनिया (राजधानी–पेल्ला) के राजा तथा सिकन्दर के पितामह एमण्टस (Amyntas) के मित्र और चिकित्सक थे। माता फैस्टिस गृहणी थी। अन्त में प्लेटो के विद्या मन्दिर (Academy) के शान्त कुंजों में ही आकर आश्रय ग्रहण करता है। प्लेटो की देख-रेख में उसने आठ या बीस वर्ष तक विद्याध्ययन किया। अरस्तू यूनान की अमर गुरु-शिष्य परम्परा का तीसरा सोपान था।  यूनान का दर्शन बीज की तरह सुकरात में आया, लता की भांति प्लेटो में फैला और पुष्प की भाँति अरस्तू में खिल गया। गुरु-शिष्यों की इतनी महान तीन पीढ़ियाँ विश्व इतिहास में बहुत ही कम दृष्टिगोचर होती हैं।  सुकरात महान के आदर्शवादी तथा कवित्वमय शिष्य प्लेटो का यथार्थवादी तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला शिष्य अरस्तू बहुमुखी प्रतिभा का धनी था। मानव जीवन तथा प्रकृति विज्ञान का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो, जो उनके चिन्तन से अछूता बचा हो। उसकी इसी प्रतिभा के कारण कोई उसे 'बुद्धिमानों का गुरु' कहता है तो कोई ...