चाँद बावड़ी, आभानेरी किस जिले में स्थित है?
(1) दौसा
(2) भरतपुर
(3) बाड़मेर
(4) प्रतापगढ़
[II Grade (Hindi) 2011, Police Constable 2007 (11) ] [ प्रयोगशाला सहा. - 3.2.2019] [क. वैज्ञानिक सहा. (प्रलेख) 22.9.2019] [जेल प्रहरी - 21.10.2018][JEN (यांत्रिकी) डिप्लोमा - 13.12.2020]
Ans. (1)
चाँद बावड़ी स्थित है ?
(1) आमेर
(2) सीकर
(3) आभानेरी
(4) भानगढ़
[Lab Assist. (H. Sci.) -30.6.20221] [III Grade (Hindi) -26.02.2023]
Ans. (3)
व्याख्या - दौसा के आभानेरी गाँव में स्थित 9वीं शताब्दी में निर्मित इस बावड़ी का निर्माण राजा मिहिर भोज ( जिन्हें निकुम्भ चाँद नाम से भी जाना जाता था ) ने करवाया था, और उन्हीं के नाम पर इस बावड़ी का नाम चाँद बावड़ी पड़ा। 13 मंजिला यह बावड़ी 70 फीट से भी ज्यादा गहरी है, जिसमें भूलभुलैया के रूप में 1300 सीढ़ियाँ हैं। इसके ठीक सामने प्रसिद्ध हर्षद माता का मंदिर है। चाँदबावड़ी के अन्दर तीन ओर बनी आकर्षक सीढ़ियाँ इस तरह निर्मित किया गया है कि उन्हें गिना नहीं जा सकता। यह बावड़ी अपने तिलिस्म स्थापत्य के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।
गलत युग्म है -
(1) मंदाकिनी बावड़ी - अजेमर
(2) रानीजी बावड़ी - बूँदी
(3) हर्षनाथ बावड़ी - सीकर
(4) चाँद बावड़ी - दौसा
[वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक - 19.06.2022]
Ans. (1)
व्याख्या- मंदाकिनी बावड़ी अचलगढ़ (सिरोही) में है।
आभानेरी के संदर्भ में कौनसा / कौनसे विकल्प सही हैं?
(1) यहाँ निर्मित हर्षत माता मंदिर प्रतिहारों के सामंत चौहानों ने बनवाया था।
(2) यहाँ की चाँद बावड़ी विश्व प्रसिद्ध है।
(3) यहाँ का पिप्पलाद माता का मंदिर प्रसिद्ध है ।
कूट:-
(1) केवल 2
(2) 1 और 2
(3)1, 2 और 3
(4) केवल 3
[ बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक - 18.06.2022]
Ans. (2)
व्याख्या - पिप्पलाद माता का मंदिर जोधपुर के पीपाड़ शहर में स्थित है।
निम्नलिखित में से कौन सी ( बावड़ी - स्थान ) सुमेलित है:-
(1) चाँद बावड़ी - आभानेरी
(2) त्रिमुखी बावड़ी - चूरू
(3) नौलखा बावड़ी - जयपुर
(4) झालीबाब बावड़ी - सीकर
[JEN (Electric) Degree - 18.05.2022]
Ans. (1)
व्याख्या:- नौलखा बावड़ी - डूंगरपुर, त्रिमुखी बावड़ी - उदयपुर, झालीबाब बावड़ी - कुम्भलगढ़ दुर्ग (राजसमन्द)
'हाड़ी रानी की बावड़ी' में स्थित है?
(1) टोडारायसिंह
(2) मालपुरा
(3) उनियारा
(4) पिपलु
[कनिष्ठ अनुदेशक 10.9.2022][Lab Assistent (Sci.) -29.6.2022]
Ans. (1)
व्याख्या - हाड़ी रानी की बावड़ी व सरडा रानी की बावड़ी, केकड़ी जिले के टोडारायसिंह में स्थित है।
डूंगरपुर स्थित नौलखा बावड़ी (1586) किसने बनवाई?
(1) प्रीमलदेवी
(2) कर्णावती
(3) लाड कँवर
(4) उत्तमदे
[E.O. Exam, 2007 ] [VDO Mains -09.07.2022] [EO & RO - 14.05.2023 (S-II)] [वनरक्षक- 13.12.2022(S-II)]
Ans. (1)
व्याख्या - इसका निर्माण महारावल आसकरण की रानी प्रीमलदेवी ने 1586 में करवाया था ।
रानीजी की बावड़ी राजस्थान में किस जिले में स्थित है -
(1) बूँदी
(2) बीकानेर
(3) जयपुर
(4) जोधपुर
[ कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक (भौतिक) 21.9.2019] [ कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक ( सीरम ) 15.9.2019]
Ans. (1)
कौनसा शहर 'कुंडों और बावड़ियों के शहर' के रूप में जाना जाता है -
(1) बूँदी
(2) बाड़मेर
(3) कोटा
(4) टोंक
[EO & RO- 14.05.2023 (S - II)] [Lab Assistent (Science) - 28.06.2022]
Ans. (1)
बूँदी में स्थित 'रानीजी की बावड़ी' का निर्माण किस रानी ने करवाया-
(1) पद्मिनी
(2) नाथावती
(3) विजया देवी
(4) गायत्री
[PSI - 13.09.2021]
Ans. (2)
निम्नलिखित में से कौनसी बावड़ी बूँदी के महाराव राजा अनिरुद्ध सिंह की छोटी रानी, रानी नाथावती जी द्वारा बनवाई गई थी?
(1) चाँद बावड़ी
(2) परचा बावड़ी
(3) राजों की बाओली
(4) रानी जी की बावड़ी
[Stenographer-15.10.2024]
Ans. (4)
व्याख्या - बूँदी नगर में स्थित यह बावड़ी बावड़ियों का सिरमौर है। इस बावड़ी का निर्माण राव राजा अनिरुद्ध सिंह की विधवा रानी नाथावती ने 1699 ई. में करवाया था। सैंकड़ों बावड़ियाँ (भावलदेवी बावड़ी, काका जी बावड़ी, अनारकली की बावड़ी, गुल्ला की बावड़ी, चम्पा बाग की बावड़ी व पठान की बावड़ी आदि) स्थित होने के कारण बूँदी को 'सिटी ऑफ स्टेपवेल्स' (बावड़ियों का शहर ) कहा जाता है।
काकाजी की बावड़ी राजस्थान में कहाँ स्थित हैं?
(1) उदयपुर
(2) सीकर
(3) दौसा
(4) बूँदी
[वनरक्षक- 13.12.2022 (S-I)]
Ans. (4)
मालदेव की किस रानी ने मण्डोर के निकट 'बहुजी -रो- तालाब' का निर्माण करवाया था?
(1) हीरा -दे-झाली
(2) स्वरूप दे - झाली
(3) उमा-दे- भटियानी
(4) पारबती सिसोदेनी
[ कनिष्ठ अनुदेशक- 10.09.2022]
Ans. (2)
मेड़तणीजी की बावड़ी स्थित है?
(1) सीकर
(2) झुन्झुनूं
(3) जोधपुर
(4) बूंदी
[ जेल प्रहरी - 2017]
Ans. (2)
व्याख्या - राजस्थान के झुंझुनूँ में स्थित मेड़तणीजी की बावड़ी का निर्माण झुंझुनूँ के हिन्दू शासक शार्दुल सिंह शेखावत की रानी बखत कंवर मेड़तनी जी ने सन् 1783 ई. में करवाया था।
'पन्ना मीणा' की बावड़ी स्थित है -
(1) सवाई माधोपुर
(2) बून्दी
(3) टोंक
(4) आमेर
[A] A.O. 29.1.2013]
Ans. (4)
व्याख्या - जयपुर जिले के आमेर में स्थित इस बावड़ी का निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया गया था।
रेगिस्तान का जलमहल किसे कहा जाता है?
(1) सरड़ा पानी की बावड़ी
(2) बाटाडू का कुआँ, बाड़मेर
(3) रानीजी की बावड़ी
(4) महिला बाग झालरा, जोधपुर
[Police Constable Exam 2013]
Ans. (2)
प्रसिद्ध 'बाटाडू कुआँ' राजस्थान के निम्न में से किस जिले में स्थित है?
(1) बाड़मेर
(2) जयपुर
(3) भरतपुर
(4) दौसा
[LDC Exam -09.09.2018]
Ans. (1)
व्याख्या - बाटाडू का कुआँ (बालोतरा) बायतु तहसील के बाटाडू ग्राम में आधुनिक पाषाण कला से बना संगमरमर का कुआँ दर्शनीय है। इसे 'रेगिस्तान का जल महल' कहा जाता है।
जेट सागर, ब्रह्म सागर, कौशिकराम का कुण्ड निम्न में से किस शहर में स्थित हैं ?
(1) बूँदी
(2) जैसलमेर
(3) बीकानेर
(4) कोटा
[III Grade (Urdu) -28.02.2023]
Ans. (2)
व्याख्या - अमर सागर, गड़ीसर, रामकुण्ड, जेट सागर, ब्रह्म सागर, कौशिकराम का कुण्ड आदि जैसलमेर में स्थित है।
'देवयानी कुण्ड'......................... में स्थित है ?
(1) उदयपुर
(2) टोंक
(3) जयपुर
(4) झालावाड़
[III Grade (Urdu) - 28.02.2023]
Ans. (3)
व्याख्या - देवयानी कुण्ड और मंदिर जयपुर ग्रामीण में सांभर के निकट स्थित है। यहाँ दैत्य गुरु शुक्राचार्य का आश्रम था।
विपरीत पिरामिड के आकार में बना धाभाई कुण्ड, जिसे जेल कुण्ड भी कहा जाता है, अवस्थित है?
(1) करौली
(2) पाली
(3) बूँदी
(4) उदयपुर
[III Grade (Punjabi) -28.02.2023]
Ans. (3)
व्याख्या - धाभाई जी की बावड़ी (धाय का कुण्ड) बूँदी के नानकपुरिया में स्थित है।
राजस्थान की सबसे बड़ी 'बावड़ी' जो जोधपुर में स्थित है ............ नाम से जानी जाती है-
(1) चाँद बावड़ी
(2) रानी की बावड़ी
(3) ईदगाह की बावड़ी
(4) नाचन की बावड़ी
[CET - 11.2.2023 (S-I)]
Ans. (1)
व्याख्या - चाँद बावड़ी, जोधपुर को महाराजा जोधा की सोनगरी रानी चाँद कुंवरी ने बनवाया था। इसे चौहान बावड़ी भी कहते हैं।
राजस्थान के देबारी गाँव में त्रिमुख बावड़ी का निर्माण कराया-
(1) रानी रामरसदे
(2) रानी रूपलदे
(3) रानी भीमलदे
(4) उमादे भटियानी
[CET - 11.2.2023 (S-II)]
Ans. (1)
व्याख्या - महाराणा राजसिंह की रानी रामरसदे ने उदयपुर के गिर्वा तहसील में स्थित देबारी गाँव में त्रिमुखी बावड़ी बनवाई थी।
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