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लोक वाद्य

लोक वाद्य : संगीत जीवी जातियाँ

राजस्थान का राज्य वाद्य है-  

(1) इकतारा 

(2) अलगोजा 

(3) नौबत 

(4) ताशा 

[BSTC Exam 2015]

Ans. (2)


अलगोजा वाद्य यंत्र में कितने छिद्र होते हैं? 

(1) 4

(2) 5 

(3) 6 

(4) 7 

[कॉलेज व्याख्याता (सारंगी) परीक्षा 30.05.2019] 

Ans. (*) 


निम्न में से कौनसा वाद्य यंत्र बांसुरी की तरह होता है -

(1) अलगोजा 

(2) भपंग 

(3) रावण हत्था 

(4) तंदूरा 

[REET L-II, 26.09.2021] 

Ans. (1) 


मुँह से बजाया जाने वाला वाद्य यंत्र है ?

(1) इकतारा 

(2) अलगोजा 

(3) नौबत 

(4) ताशा 

[R.A.S. Pre Exam, 2007, PTI - 2015] 

Ans. (2) 


कौनसा सुषिर वाद्य है?  

(1) अलगोजा 

(2) कामायचा 

(3) तदूंरा 

(4) रावणहत्था 

[JEN (Agri.) 10.09.2022]

Ans. (1) 


कौनसा तत्वाद्य नहीं है ? 

(1) रावण हत्या 

(2) जंतर 

(3) अलगोजा 

(4) कामायचा 

[Assistant Professor- 22.9.2021] [Constable-2007(II),LDC 23.10.16] [ जेल प्रहरी - 28-10-2018] 

Ans. (3)

व्याख्या -  अलगोजा राजस्थान का राज्यवाद्य है जो बांसुरी की तरह होता है। इसका मुँह कलम की तरह कटा होता है। दो अलगोजों के कटे भाग को मुँह में रख फूंक के माध्यम से इन्हें बजाया जाता है। इसमें सात अथवा चार छिद्र होते हैं। बाँस नली से निर्मित इस सुषिर वाद्ययंत्र अलगोजा पर 2020 में 5 रुपये का डाक टिकट जारी किया गया है। वादक प्रायः दो अलगोजे एक साथ मुँह में रखकर इसे बाँसुरी की तरह बजाते हैं। यह वाद्ययंत्र मुख्य रूप से भील व कालबेलिया जनजाति द्वारा बजाया जाता है।


सुमेलित कीजिए -  

A. इकतारा               1. घन वाद्य

B. अलगोजा            2. तत् वाद्य

C. झांझ                     3. सुषिर वाद्य

D. मांदल                4. अवनद्ध वाद्य

           A    B    C    D                 A    B     C    D 

(1) 2    3      1      4      (2) 1     2      3    4 

(3) 2   3       4      1      (4) 3    4      2    1 

[कनिष्ठ अनुदेशक (वेल्डर) - 26.3.2019]

Ans. (1)


व्याख्या - लोकवाद्यों के प्रकार

☐    अवनद्ध (ताल) वाद्य ( चमड़े से मढ़े हुए लोक वाद्य ) : जिसके एक ही ओर खाल मढ़ी हो- खंजरी, चंग, डफ, रू, धौंसा, ताशा, कुंडी, गडगडाटी। जिनका घेरा लकड़ी या धातु का हो तथा चमड़ा दोनों ओर मढ़ा हो- मांदल, ढोल, डमरू, ढोलक, ढाक, मकर, मृदंग, पखावज । जिनका ऊपरी भाग खाल से ढका हो तथा कोटरीनुमा नीचे का भाग बंद रहता हो- नौबत, नगाड़ा, माठ, दमामा (टामरू), माटा।


☐    तत् वाद्य - जिन वाद्यों में तार लगे होते हैं, वे तत् वाद्य की श्रेणी में आते हैं। जिनमें प्रमुख है- रावण हत्था, सारंगी, जंतर, इकतारा, चौतारा, कमायचा ( कामायचा ), तंदूरा (वेणो), भपंग, रबाज, रबाब, चिकारा, गूजरी, दुकाको, सुरिन्दा।


☐   सुषिर वाद्य - इस वाद्य में फूँक से बजाये जाने वाले वाद्ययंत्र शामिल किये जाते हैं, यथा- सतारा, पूँगी, अलगोजा, शहनाई, मशक, टोटो, नड़, मोरचंग, बाँकिया, बँसी, वेलि, मुरली, शंख, सिंगी, तरही, करणा, नागफणी, सुरनाई आदि ।


☐   घन वाद्य-ये प्रमुख रूप से धातु से निर्मित होते हैं, जो मंजीरा, झांझ, टंकोरा, खड़ताल, घुरालियौ, रमझोल है।


मुँह के द्वारा बजाए जाने वाले वाद्य यंत्रों में निम्नलिखित में से कौनसा नहीं है -  

(1) अलगोजा 

(2) सतारा 

(3) मशक 

(4) रवाज 

[PSI 13.09.2021]

Ans. (4) 


निम्न में से कौनसा वाद्य अवनद्ध श्रेणी में आता है-

(1) मांदल 

(2) मंजीरा

(3) जंतर 

(4) तंदूरा 

[REET L-II (Re-Exam), 16.10.2021] 

Ans. (1) 


निम्नलिखित में से कौनसा घन लोक वाद्य यंत्र नहीं है- 

(1) मंजीरा 

(2) चींपिया 

(3) बांकिया 

(4) हांकल 

[JEN (Civil) Diploma - 18.05.2022] 

Ans. ( 3 ) 


बाँकिया, सिंगी और टोटा लोकवाद्य किस परम्परा से सम्बद्ध है - 

(1) तत् वाद्य

(2) अवनद्ध वाद्य 

(3) घन वाद्य 

(4) सुषिर वाद्य 

[Librarian Garde-II Exam 02.08.2020] 

Ans. (4)


'रमझोल' किस प्रकार का लोक वाद्य यंत्र है? 

(1) अवनद्ध 

(2) तत् 

(3) सुषिर 

(4) घन 

[JEN (Electric) Degree 18.05.2022] 

Ans. (4) 


जो वाद्य फूंक कर बजाए जाते हैं उन्हें कहा जाता है-  

(1) तत् वाद्य 

(2) ताल वाद्य 

(3) सुषिर वाद्य

(4) घन वाद्य 

[पटवार परीक्षा - 20111 ]

Ans. (3) 


निम्नलिखित में से कौनसा सुषिर वाद्य यंत्र नहीं है? 

(1) टोटो 

(2) सतारा 

(3) बांकिया 

(4) कमायचा 

[Asst. Testing Officer - 27.07.2021] 

Ans. (4) 


अधोलिखित में से (वाद्य यंत्र का प्रकार - वाद्य यंत्र) असंगत युग्म है- 

(1) तत् वाद्य - इकतारा

(2) सुषिर वाद्य - अलगोजा 

(3) घन वाद्य - खड़ताल 

(4) अवनद्ध वाद्य जंतर  

[House Keeper -9.7.2022] 

Ans. (4) 


निम्नलिखित में से कौनसा युग्म (वाद्ययंत्र-प्रकार) सुमेलित नहीं है? 

(1) भपंग-तत् 

(2) सिंगी-सुषिर 

(3) ताशा-अवनद्ध 

(4) नड़-घन 

[Fireman Exam-29.1.2022] 

Ans. (4) 


निम्नलिखित में से कौनसा सुषिर वाद्य यंत्र नहीं है?

(1) सतारा

(3) मंशक

(2) नड़

(4) भपंग

(5) अनुत्तरित प्रश्न

[Sr. Teacher (Sanskrit Edu.Deptt.) Comp. Exam -29.12.2024, Subject : G. K. and Educational Psychology]

Ans.(4)


निम्नलिखित में से कौनसा तत् वाद्य यंत्र है?

(1) भपंग

(2) मोरचंग

(3) खड़ताल

(4) अलगोजा

(5) अनुत्तरित प्रश्न

Asst. Prof. (Sanskrit College Edu.) - 8.9.2024 (GENERAL STUDIES OF RAJASTHAN)

Ans.(1)


शहनाई वाद्ययंत्रों के किस परिवार से संबंधित है? 

(1) सुषिर 

(2) कोल 

(3) बीट 

(4) बैरल 

[पशु परिचर-3.12.2024 (S-1)] 

Ans. (1) 


वाद्य यंत्रों के वर्गीकरण में 'एकतारा' किस घराने से संबंधित है- 

(1) घन 

(2) तत् 

(3) सुषिर 

(4) अवनद्ध 

[पशु परिचर-3.12.2024 (S-11)] 

Ans. (2) 


कौनसा घनवाद्य है ? 

(1) कुंडी 

(2) कला 

(3) पेली 

(4) टंकोरा

[ Protection Officer - 28.01.2023] 

Ans. (4) 


निम्न में से कौन, तार वाला वाद्य यंत्र नहीं है? 

(1) सुरमण्डल 

(2) रावणहत्था 

(3) ताशा 

(4) कमायचा 

[वनरक्षक- 11.12.2022 (S-II)] 

Ans. ( 3 ) 


कौनसे सुषिर वाद्य नहीं हैं ? 

1. सुरनाई                      2. अलगोजा 

3. नागफणी               4. कमायचा

(1) केवल 4

(2) 2, 3 और 4

(3) 1 और 3

(4) 3 और 4

[RAS-31.10.2015]

Ans. (1) 


रबाब, चिकारा और चौतारा किस प्रकार के वाद्य यंत्र हैं?

(1) तत् वाद्य

(2) घन वाद्य 

(3) अवनद्ध वाद्य 

(4) सुषिर वाद्य 

[JEN (Agri.) 10.09.2022] 

Ans. (1)


तार से निर्मित वाद्ययंत्र कौनसा है ? 

 (1) रावण हत्था 

(2) अलगोजा 

(3) मोरचंग 

(4) चंग 

[कारापाल2012][जेल प्रहरी-2017][Stenographer- 30.05.2013]

Ans. (1) 


कौनसा तत् वाद्य है? 

(1) सतारा 

(2) मोरचंग  

(3) रवाज 

(4) बांकिया 

[VDO Mains -09.07.2022]

Ans. (3) 


चौतारा, कामायचा कौनसे लोकवाद्य परम्परा से जुड़े हैं - 

(1) तत् वाद्य

(2) अवनद्ध वाद्य 

(3) घन वाद्य 

(4) सुषिर वाद्य 

[कृषि पर्यवेक्षक- 18.09.2021] [ उद्योग प्रचार अधिकारी - 22.08.2018]

Ans. (1) 


निम्न में से कौनसा तत् लोकवाद्य यंत्र नहीं है?

(1) रावणहत्था 

(2) रवाज 

(3) भपंग 

(4) मांदल 

 [JEN (Electric) Diploma 18.05.2022]

Ans. (4) 


निम्न में से तत् वाद्य है -  

1. जन्तर 

2. रवाज 

3. भपंग 

(1) केवल 1 

(2) केवल 3 

(3) केवल 1 एवं 3 

(4) 1,2 एवं 3 

[सांख्यिकी अधिकारी-25.02.2024]

Ans. (4) 


निम्नलिखित में से कौनसा तत् वाद्य यंत्र नहीं है?

(1) भपंग

(2)   बाँकिया 

(3) जन्तर

(4) कामायचा

(5) अनुत्तरित प्रश्न

Asst. Statistical Officer (Agri. Deptt.) - 25.08.2024 (GK and Concerned Subject)

Ans. (2)


निम्न में से कौनसा सुषिर वाद्य नहीं है?  

(1) अलगोजा 

(2) रबाज़ 

(3) मशक 

(4) नड़ 

[ARO (Agronomy/Agri./Plant Patho) - 29.08.2022]

Ans. (2) 


सुमेलित कीजिए- 

वाद्ययंत्र                                                विशेषताएँ

(A) एकतारा           (1) इसको दो मोटी लकड़ी के डंडों से बजाया जाता है। 

(B) अलगोजा       (2) भोपों का प्रमुख वाद्य 

(C) रावणहत्था     (3) यह वाद्ययंत्र मीराबाई बजाया करती थी   :

 (D) नगाड़ा             (4) बांसुरी जैसा वाद्ययंत्र 

कूट :       (A)    (B)     (C)     (D)                    (A)    (B)     (C)     (D)

          (1) 4            3          1            2             (2) 3          4            2           1 

          (3) 1             2          3            4          (4) 2            4            1          3 

Ans. (2) 


एक तार वाला संगीत वाद्य यंत्र जो विभिन्न प्रकार की धुनें और राग उत्पन्न कर सकता है, कहलाता है-  

(1) पूंगी 

(2) रावणहत्था 

(3) एकतारा 

(4) खड़ताल 

[पशु परिचर-1.12.2024 (S-1)]

Ans. (3) 

व्याख्या - इकतारा (एकतारा)- गोल तुम्बे में बाँस की डण्डी फंसाकर बनाया गया यह यंत्र मुख्य रूप से कालबेलियों व साधु-संन्यासियों द्वारा बजाया जाता है। इसमें एक तार होता है।


निम्नलिखित में से किस वाद्य यंत्र को 'भेरी' भी कहा जाता है? 

(1) बांकिया 

(2) भूगल 

(3) मशक 

(4) पूंगी 

[CET -4.2.2023 (S-1)] 

Ans. (2) 

व्याख्या - भँगल (रणभेरी) मेवाड़ के भवाइयों का वाद्य है। जो गाँव में खेल शुरू करने से पहले जनता को एकत्रित करने के लिए बजाया जाता है। यह पीतल की लम्बी नली की बनी होती है। बिगुल की भाँति यह रण का वाद्य रहा है, जो युद्ध शुरू करने से पूर्व बजाया जाता था। 


वाद्य यंत्रों के संबंध में सही कथन है- 

1. चौतारा को करताल, मंजीरा और चिमटे के साथ कामड़ जाति द्वारा बजाया जाता है। 

2. कामायचा को माँगणियार बजाते हैं। 

3. जंतर को मेवाड़ के राव तथा भाट, लोक देवता रामदेवजी की प्रशंसा में बजाते हैं। 

(1) 1 और 3 दोनों सही है। 

(2) 2 सही है। 

(3) 1 और 2 दोनों सही है। 

(4) 2 और 3 दोनों सही है। 

[EEO-19.6.2024] 

Ans. (3)  


कौनसा तत् वाद्य नहीं है?

(1) सतारा

(2) रवाज़

(3) जन्तर

(4) चौतारा 

[Patwar Main 24.12.16] [जेल प्रहरी परीक्षा 21-10-2018, Shift-1][महिला पर्यवेक्षक परीक्षा (Non-TSP ) 29.11.2015 ]

 Ans. (1)

व्याख्या - सतारा सुषिर वाद्ययंत्र बाँसुरी, अलगोजा व शहनाई का मिश्रित रूप होता है। यह वाद्ययंत्र मुख्य रूप से जैसलमेर व बाड़मेर जिलों में बजाया जाता है।


कौनसा सुषिर वाद्य है- 

(1) रावणहत्था 

(2) जंतर 

(3) सतारा 

(4) सूरमण्डल 

[Head Master - 11.10.2021] 

Ans. (3) 


'रावणहत्था' किस प्रकार का वाद्य यंत्र है -  

(1) तत् 

(2) सुषिर काष्ठ 

(3) अवनद्ध 

(4) घन 

[कृषि पर्यवेक्षक- 18.09.2021] [द्वितीय श्रेणी शिक्षक-2014] [Agriculture Officer : 29.01.2013]

Ans. (1)


रावण हत्या किसका मुख्य वाद्य यंत्र है? 

 (1) भील 

(2) कालबेलिया 

(3) मिरासी 

(4) भोपा 

[वनरक्षक-11.12.2022(S-1)]

Ans. (4) 


फड़ बाँचते समय पाबूजी के भोपों का वाद्ययंत्र है?

(1) मोरचंग 

(2) अलगोजा 

(3) खड़ताल 

(4) रावण हत्था 

[Asst. Jailer Exam-15.03.2016] [ARO - 27.08.2022]

Ans. (4) 


पाबूजी की कथा के साथ कौनसा लोकवाद्य 'जुड़ा हुआ है?

(1) रावण हत्था

(2) पुंगी

(3) भपंग

(4) शहनाई

(5) अनुत्तरित प्रश्न

[Archives Department Recruitment - 2024 (Chemist)]

Ans.(1)


रावण हत्था बनाया जाता है? 

(1) नारियल 

(2) इस्पात का बर्तन 

(3) काँच का बर्तन 

(4) नीम की लकड़ी 

[उद्योग निरीक्षक 24.06.2018] 

Ans. (1) 


निम्नलिखित में से किस लोक वाद्य यंत्र में बाँस का लंबा तना होता है जिसमें बकरी के चमड़े की परत से ढका आधे नारियल का खोल जुड़ा होता है?  

(1) रावणहत्था 

(2) धाप 

(3) अलगोजा 

(4) भपंग 

[ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-15.07.2018 (II)] [ जेल प्रहरी परीक्षा 27-10-2018, Shift-III]

Ans. (1) 

व्याख्या - रावणहत्था तत् वाद्य यंत्र को बनाने के लिए नारियल की कटोरी, जो बाँस के साथ लगी होती है, पर खाल मढ़ी जाती है। बाँस में जगह-जगह खूँटियाँ . लगा दी जाती है जिनमें नौ तार बाँधे जाते हैं। इस यंत्र को बजाने वाली गज धनुष के समान होती है जिस पर घोड़े के बाल व घुँघरू बँधे होते हैं। इस वाद्य यंत्र का प्रयोग पाबूजी के अनुयायी थोरिया भोपें, डूंगरजी- जवाहरजी के भोपे कथाएँ बाँचते समय करते हैं।


कौनसा तत् वाद्य नहीं है ? 

(1) भपंग 

(2) दुकाका 

(3) जन्तर 

(4) नागफनी 

 [JEN Degree - 16.10.2016]

Ans. (4)

व्याख्या - नागफणी सर्पाकार पीतल का सुषिरवाद्य जिसके मुख पर ताकत से फूँक देने पर घोरात्मक ध्वनि निकलती है। साधु-संन्यासियों का यह एक धार्मिक वाद्य है।


तार लगा वाद्य यन्त्र है?

 (1) अलगोजा 

(2) खड़ताल 

(3) डेंरू 

(4) जन्तर

[E.O. Exam, 2007] [कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक (विष) 14.9.2019][जेल प्रहरी परीक्षा 28-10-2018, Shift-II]

Ans. (4)


देवनारायण जी की फड़ के वाचन के साथ किस वाद्य यंत्र का प्रयोग किया जाता है-

 (1) मंजीरा 

(2) मांदल 

(3) जंतर 

(4) कुंडी 

[Assistant Archivist-03.08.2024][CET : 07.01.2023 (S-II)] [मूल्यांकन अधिकारी-23.08.2020]

Ans. (3) 


'जंतर' वाद्य यंत्र किसके द्वारा बजाया जाता है ? 

(1) देवनारायण जी भोपे

(2) पाबू जी के भोपे 

(3) गरासिया जाति

(4) भील जाति

[कनिष्ठ अनुदेशक- 10.09.2022] 

Ans. (1) 

व्याख्या - जंतर वीणा की आकृति की तरह के इस वाद्ययंत्र में दो तुम्बें होते हैं जिसकी डाँड बाँस की बनी होती है। इस तत् वाद्ययंत्र का प्रयोग देवनारायणजी की फड़ गाते समय गूजरों के भोपे गले में लटकाकर करते हैं।


निम्नलिखित में से किस संगीत का संबंध राजस्थान से नहीं है - 

(1) बाउल 

 (2) मांगणियार 

(3) भोपा

(4) लंगा

[ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल- 06.11.2020 (II)] 

Ans. (1) 

व्याख्या -   बाउल प. बंगाल का आध्यात्मिक लोक गीत है। 


कमायचा के बारे में निम्नलिखित में से कौनसा कथन असत्य है? 

(1) यह एक तत् वाद्य है। 

(2) इसमें 27 तार होते हैं। 

(3)   इसके मुख्य प्रयोगकर्ता मांगणियार है। 

(4) यह पूर्वी राजस्थान में मुख्यतः प्रचलित है। 

[RPSC LDC, 11 Jan 2014] 

Ans. (*)

व्याख्या - कमायचा तत् वाद्य सारंगी की तरह होता है जिसकी चौड़ाई 1.5 फुट होती है व तबली गोल होती है। इसमें आम के पेड़ की एक ही लकड़ी उपयोग में ली जाती है जिसमें कोई ज्वाइंट नहीं होता। इसमें कुल 17 तारें लगती हैं जिसमें मुख्य 3 तारें बकरे की आंत से बनाई जाती हैं, शेष 14 तारें पीतल/लोहे की बनी होती हैं। इसे बजाने में उपयोग में लिये जाने वाली गज की तारें घोड़े की पूँछ से बनाई जाती है। इसे जैसलमेर व बाड़मेर जिले (पश्चिम राजस्थान) की माँगणियार जाति बजाती है। कमायचा पर 2020 में 5 रुपये का डाक टिकट जारी किया गया है।


कमायचा के बारे में असत्य है 

(1) कमायचा माँगणियार समुदाय के द्वारा बहुतायत से प्रयोग किया जाता है।

(2) यह लकड़ी के एकल टुकड़े से बनाया जाता है। 

(3) इसके 3 मुख्य तंतु बकरे की आँत के बने होते हैं। 

(4) कमायचा को वायलिन का अग्रगामी माना जाता है। 

[ Veterinary Offi-2.8.2020] 

Ans. (4) 


'कमायचा' नाम का वाद्य राजस्थान के किस सम्प्रदाय के द्वारा बजाया जाता है- 

(1) मांगणियार 

(2) जोगी 

(3) कालबेलिया 

(4) लंगा 

[संग्रहालयाध्यक्ष - 19.06.2024] 

Ans. (1) 

कौनसा सुषिर वाद्य यंत्र नहीं है-

 (1) अलगोजा 

(2) सतारा 

(3) मोरचंग 

(4) सुरमण्डल

[JEN Diploma (TSP) Exam 16.10.2016]

Ans. (4) 

व्याख्या सुरमण्डल एक तत् वाद्य यंत्र है। 


मोरचंग (ज्यूज हार्प ) है -  

(1) नृत्य शैली 

(2) गायन शैली 

(3) वाद्य यंत्र 

(4) चित्र शैली 

[ कॉलेज व्याख्याता परीक्षा-2016] [ कनिष्ठ अनुदेशक (कोपा) सीधी भर्ती परीक्षा- 20.03.2019] [जेल प्रहरी परीक्षा 20-10-2018, Shift -1] [वरिष्ठ कम्प्यूटर अनुदेशक - 19.06.2022]

Ans. (3)


राजस्थान के किस लोक वाद्य को ज्यूज हार्प भी   कहा जाता है -

(1) मोरचंग 

(2) रावण हत्था

(3) कमायचा  

(4) खड़ताल 

[संगणक परीक्षा 05.05.2018]  

Ans. (1) 


'मोरचंग वाद्य' के बारे में कौनसा/कौनसे कथन कथन सही हैं- 

1. यह लोहे का बना छोटा-सा वाद्य है। 

2. मोरचंग को होठों के बीच रखकर बजाया जाता है। 

3. यह सुषिर वाद्य की श्रेणी में आता है। 

4. इसमें 27 तार होते हैं। 

(1) केवल 1 

(2) केवल 2, 3 

(3) केवल 1, 2, 3 

(4) उपर्युक्त सभी 

[शोध अध्येता परीक्षा-04.08.2024] 

Ans. (3) 

व्याख्या - मोरचंग (Jew's Harp) सुषिर वाद्य यंत्र है जिसको पतले लोहे की लम्बी राड़, जिसके दोनों ओर छड़ लगाई जाती है, के मुँह को घुमाव देकर बनाया जाता है।   सारंगी में कुल 27 तार होते हैं।


मन्दिरों तथा राजाओं के महलों के मुख्य द्वार पर   बजाए जाने वाला वाद्य यंत्र है? 

(1) ढोल 

(2) नौबत 

(3) नगाड़ा

(4) ताशा

[पटवार -2011] 

Ans. (2)


.........एक लोहे और चमड़े से बना वाद्य है जो मंदिरों में प्रार्थना के समय तथा त्योहारों और धार्मिक उत्सवों के समय बजाया जाता है-  

(1) सारंगी 

(2) तबला 

(3) सितार 

(4) नौबत 

[Asst. Professor-7.1.2024]

Ans. (4)

व्याख्या - यह वाद्ययंत्र  लोहे धातु की अण्डाकार कुण्डी पर भैंसे की खाल मढ़कर चमड़े की डोरियों से कसकर बनाया जाता है। यह लकड़ी के डण्डों से बजाया जाता है।


कौनसा युग्म सही है? 

(1) खड़ताल - सुषिर वाद्य 

(2) रबाब  -   तत् वाद्य 

(3) बाँकिया - घन वाद्य 

(4) डेरू - सुषिर वाद्य 

[RAS Pre Exam 19.11.2013] 

Ans. (2) 

व्याख्या- खड़ताल घन वाद्य, बाँकिया सुषिर वाद्य, तथा डेरू अवनद्ध (ताल) वाद्य है।


मुहर्रम के अवसर पर प्रयोग में लिया जाने वाला प्रसिद्ध वाद्ययंत्र कौन-सा है ? 

(1) नगाड़ा 

(2) ताशा 

(3) मादल 

(4) मंझीरा 

[P.S.I. Exam, 2011] 

Ans. (2)

व्याख्या - ताशा  वाद्ययंत्र को ताँबे की चपटी परत पर बकरे का पतला चमड़ा मढ़कर बनाया जाता है। इसे बाँस की खपच्चियों से मुहर्रम के अवसर पर बजाया जाता है।


वाद्ययंत्र 'टामक' का संबंध.................. क्षेत्र से है- 

(1) मेवात 

(2) मारवाड़ 

(3) मेरवाड़ा 

(4) मेवाड़ 

[ अन्वेषक परीक्षा - 27.12.2020] [PTI -30.09.2018] 

Ans. (1)

व्याख्या - खाल से मंढ़ा हुआ कड़ाई के आकार का नगाड़े का बड़ा रूप नौबत की तरह होता है। इसे बम या टामक भी कहते हैं। नगाड़ा बजाने वाली ढोली जनजाति नगारची कहलाती है। यह मुख्य रूप से मेवात क्षेत्र में युद्ध के वाद्यों के साथ बजाया जाता था।


घूमर नृत्य के समय कौनसे वाद्य यंत्रों की आवश्यकता होती है- 

(1) ढोलक एवं वीणा 

(2) मंजीरा और वीणा 

(3) केवल ढोलक

(4) ढोलक और मंजीरा

[Agriculture Officer : 29.01.2013]

Ans. (4)

व्याख्या- घूमर नृत्य के समय ढोलक के साथ मंजीरा आदि बहुतायत से बजाये जाते हैं।


'तारपी' वाद्ययंत्र का प्रयोग मुख्यतः किस जाति के द्वारा किया जाता है - (1) कथोड़ियों 

(2) मांगणियारों 

(3) नटों 

(4) जोगियों 

[ प्रवक्ता (तकनीकी शिक्षा) - 12.3.2021] 

Ans. (1)

व्याख्या - कथोड़ी जनजाति के लोकवाद्य यंत्र गोरिड़िया, तारपी, थालीसर, घोरिया या खोखरा, पावरी, टापरा । 'तारपी' लोकी के एक सिर पर छेद कर बनाया जाने वाला वाद्य जो महाराष्ट्र के तारपा लोकवाद्य के समान है। यह सुषिर श्रेणी का वाद्य है।


मंजीरा, तानपुरा, चौतारा वाद्य यंत्रों का प्रयोग किस नृत्य में किया जाता है? 

(1) गवरी 

(2) तेरहताली 

(3) वालर 

(4) घूमर 

[वनरक्षक- 13.12.2022 (S-I)] 

Ans. (2)

व्याख्या- तेरहताली नृत्य में मुख्य वाद्य यंत्र एकतारा, चौतारा, मंजीरा व तंदूरा (तानपुरा) होते हैं। डेरू (अवनद्ध वाद्य ) वाद्ययंत्र को आम की लकड़ी पर दोनों ओर चमड़ा मढ़कर बनाया जाता है। इसके बीच के हिस्से को दाहिने हाथ से पकड़कर रस्सी से खींचकर आवाज निकाली जाती है।


निम्न में से कौन-सा यंत्र राजस्थान के तेरहताली नृत्य में काम नहीं आता? 

(1) मंजीरा 

(2) तानपुरा 

(3) चौतारा 

(4) डेरू 

[कर सहायक परीक्षा-14.10.2018] 

Ans. (4) 


'डेरू' क्या है- 

(1) शिल्प कला का प्रकार 

(2) रूकने का स्थान 

(3) एक पक्षी 

(4) वाद्य यंत्र 

[Research Officer-4.8.2024] 

Ans. (4) 


वंशावलियों की पीढ़ी दर पीढ़ी लेखन करने वाला कौन वर्ग था?  

(1) महाजन 

(2) जागा 

(3) पुजारी 

(4) ये सभी 

[जेल प्रहरी - 27-10-2018, Shift-II]

Ans. (2) 

व्याख्या - भाट  जाति के लोग विभिन्न परिवारों की वंशावली का अभिलेख रखते है और समय-समय पर उनके वंशजों को सुनाकर अपनी आजीविका चलाते है। जैसे, राजपूतों के भट बड़वा और महेसरियों के जागा कहलाते हैं। स्वयं भाटों के भी भाट होते हैं जो 'बही- बँच्या' भाट कहे जाते हैं ।


राजस्थान में 'भाट' जाति के मुख्य कार्य हैं ?

(1) विभिन्न परिवारों की वंशावली का अभिलेख रखना 

(2) शादी के अवसर पर गीत गाना 

(3) उत्सव व ढोल बजाना 

(4) उत्सव पर नाच दिखाना

[RPSC III Grade Teacher Exam-2004] 

Ans. (1) 


लोक वाद्य यंत्र 'भपंग' राजस्थान के किस क्षेत्र से सम्बन्धित है ?  

(1) मेवात 

(2) मेवाड़ 

(3) मेरवाड़ा 

(4) मारवाड़ 

[कनिष्ठ अनुदेशक (वेल्डर) - 26.03.2019] 

Ans. (1)

व्याख्या - भपंग  लम्बी आल के तुम्बे से बना  होता है। तुम्बे से नीचे का भाग खाल से मढ़ दिया जाता है जबकि ऊपर का हिस्सा खाली छोड़ दिया जाता है। इसे मुख्यतया अलवर क्षेत्र के जोगी बजाते है।


अलवर जिले के जोगी जाति के लोग निम्न में से किस वाद्य को बजाते हैं -

 (1) रबाज 

(2) भपंग 

(3) सारंगी 

(4) जन्तर 

 [ पटवार 24.10.2021 - (Shift-1)]

Ans. (2) 


मारवाड़ के जोगियों द्वारा गोपीचन्द भर्तृहरि, निहालदे आदि के ख्याल गाते समय निम्नलिखित में से किस वाद्य का प्रयोग किया जाता है- 

 (1) चंग 

(2) सारंगी 

(3) नगाड़ा 

(4) अलगोजा 

[पटवारी परीक्षा 2013][Food Safety Officer 27.06.2023]

Ans. (2)

व्याख्या -  सारंगी लकड़ी से निर्मित होती है, इसमें कुल 27 तार होते हैं। सारंगी के ऊपर की ताँते बकरे की आँतों से बनायी जाती है। इस वाद्ययंत्र का प्रयोग मुख्य रूप से जैसलमेर व बाड़मेर की लंगा जाति द्वारा किया जाता है। राजस्थान में सिंधि व गुजराती सारंगी अधिक प्रचलित है। सारंगी के विभिन्न प्रकार -

धनी सारंगी - इसे निहालदे की कथा सुनाने वाले जोगी बजाते हैं।

गुजरातण सारंगी - इसे लंगा जाति के गायकों द्वारा प्रयुक्त किया जाता है।

जोगिया सारंगी - अलवर - भरतपुर के भरथरी जोगियों द्वारा भपंग के साथ प्रयुक्त ।

सिंधी सारंगी - पश्चिमी राजस्थान के पेशेवर लंगा लोगों द्वारा बजायी जाती है।

जड़ों की सारंगी या प्यालेदार सारंगी - जैसलमेर जिले के मांगणियारों द्वारा प्रयुक्त ।


अलवर - भरतपुर के जोगियों द्वारा किस प्रकार की सारंगी बजाई जाती है-  

(1) जोगिया सारंगी 

(2) सिंधी सारंगी 

(3) जड़ी की सारंगी 

(4) गुजरातण सारंगी 

[पटवार- 23.10.2021 (Shift-II)]

Ans. (1) 


करणा भील किस वाद्य का प्रसिद्ध वादक था?

(1) नड़ 

(2) मोरचंग 

(3) सतारा 

(4) करणा 

[ कनिष्ठ अनुदेशक (इलेक्ट्रीशियन) परीक्षा - 24.03.2019] 

Ans. (1)

व्याख्या- सुषिर वाद्य यंत्र नड़ लम्बी बांसुरी की तरह होता है। यह मुख्य रूप से जैसलमेर में बजाया जाता है। मरु प्रदेश के इलाके का यह अत्यन्त दुर्लभ साज है। माता या भैरव का गुणगान करने वाले राजस्थानी भोपे इसे बजाते हैं। लंगा गायक एवं ऊँटों की रेवड़ वाले ओठारियों द्वारा भी यह प्रयुक्त किया जाता है। करणा भील इसका प्रसिद्ध वादक है।


कौनसा युग्म सही नहीं है ?  

(1) रजब अली खान - वीणा वादक 

(2) आमिर खान - सितार वादक

(3) अल्लाह जिलाई बाई - मांड गायिका 

(4) रवि शंकर - नड़ वादक 

[ कनिष्ठ अनुदेशक- 10.9.2022]

Ans. (4) 


नड़ क्या है- 

(1) एक लम्बी बांसुरी 

(2) लकड़ी की चार पट्टियाँ 

(3) जुड़वाँ बांसुरियाँ  

(4) एक तार वाला वाद्य 

 [CET - 5.2.2023 (S-I)]

Ans. (1) 


'घुरालियौ 'क्या है ?  

(1) एक नृत्य शैली 

(2) कालबेलियों का वाद्य यंत्र 

(3) आदिवासी भीलों का आभूषण 

(4) लोक नाट्य 

[सहायक सांख्यिकी अधिकारी- 27.5.2019]

Ans. (2)

व्याख्या - घुरालियौ  पाँच-छः अंगुल लम्बी बाँस की खपच्ची से बना हुआ वाद्य है इसे दाँतों के बीच दबाकर धागे को ढील व तनाव देकर बजाया जाता है। कालबेलिया व गरासिया जाति का प्रमुख वाद्य ।


राजस्थान का एकमात्र ऐसा लोकवाद्य जिसकी डोरी में तनाव के लिए पखावज की तरह लकड़ी के गुटके डाले जाते हैं- 

(1) तासा 

(2) रावलों का मादल 

(3) ढाका 

(4) डेरु

[RAS Pre- 26.10.2013] 

Ans. (2)

व्याख्या- रावलों की मादल  काष्ठ खोलकर मढ़ा हुआ वाद्य । राजस्थानी लोक वाद्यों में यही एक ऐसा वाद्य है, जिस पर पखावज की भाँति गट्टों का प्रयोग होता है। दोनों ओर चमड़े की पुड्यों पर आटा लगाकर, स्वर मिलाया जाता है। नर व मादा भाग हाथ से बजाये जाते हैं। यह वाद्य केवल चारणों के रावल (चाचक) के पास उपलब्ध है।


राजस्थान में कामड़ जाति के लोगों द्वारा कौनसा संगीत वाद्य बजाया जाता है।  

(1) तन्दूरा 

(2) सुरिन्दा 

(3) गुजरी 

(4) इनमें से कोई नहीं 

[पटवार- 24.10.2021 (S -II)]

Ans. (1)

व्याख्या- तंदूरा (वेणो) वाद्य यंत्र लकड़ी से बना होता है जिस पर 4 तार लगे होते हैं इसलिए इसे चौतारा भी कहा जाता है। इसकी शक्ल सितार या तानपुरे से काफी मिलती-जुलती है। यह एक अँगुली से बजाया जाता है। इसे कामड़ जाति के लोग बजाते हैं।


राजस्थान के लोक वाद्य यंत्रों के विषय में कौनसा कथन सही नहीं है? 

 (1) भपंग एवं रावणहत्था दोनों तत् वाद्य यंत्र हैं। 

(2) अलगोजा एवं मोरचंग दोनों फूँक वाद्य यंत्र हैं। 

(3) ढोलक, नौबत, नगाड़ा एवं चंग थाप वाद्य यंत्र है। 

(4) फूँक वाद्य यंत्र बांकिया एवं करणा को मांगलिक अवसरों पर नहीं बजाया जाता है। 

[राज. पुलिस कॉन्स्टेबल परीक्षा-2014]

Ans. (4)

व्याख्या- बांकिया सरगड़ा जाति का खानदानी वाद्य है, यह मांगलिक अवसरों पर बजाया जाता है।


सुमेलित कीजिए-

लोक वाद्य यंत्र                   प्रख्यात कलाकार

A. भपंग                              1. सद्दीक खाँ

B. नड़                                  2. जहूर खाँ

C. अलगोजा                      3. करणा भील

D. खड़ताल                       4. रामनाथ चौधरी

कूट: A       B      C      D                     A       B      C      D

  (1) 2        3       4       1          (2) 4        2     3       1

  (3) 1      2       3      4        (4)    2       1      3      4

[R.A.S. -27.10.2021]

Ans. (1)

व्याख्या - सद्दीक खाँ - इनका जन्म बाड़मेर की शिव तहसील के झाँपली गाँव में हुआ। ये खड़ताल के प्रसिद्ध कलाकार है। सद्दीक खाँ की स्मृति में सद्दीक खाँ मांगणियार लोक कला एवं अनुसंधान परिषद् (लोकरंग) की स्थापना 13 सितम्बर, 2002 को जयपुर में की गई।

जहूर खाँ मेवाती- भपंग वाद्ययंत्र के प्रसिद्ध कलाकार। 

जैसलमेर का प्रसिद्ध नड़ वादक करणाराम किसी समय कुख्यात डाकू था। वह अपनी छः फीट आठ इंच लम्बी मूंछों के लिये भी विख्यात था।

जयपुर के पद्मपुरा गाँव निवासी रामनाथ चौधरी नाक से अलगोजा बजाते हैं।


रामनाथ चौधरी का संबंध किस वाद्य यंत्र से है-

(1) ढोलक 

(2) अलगोजा 

(3) पूंगी 

(4) इनमें से कोई नहीं 

[पटवार 23.10.2021 ( Shift -1 )] 

Ans. (2) 


जहूर खान किस लोकवाद्य से सम्बन्धित हैं? -

(1) भपंग 

(2) नड़ 

(3) अलगोजा 

(4) खड़ताल 

[JEN (Mechanical) Diploma - 20.05.2022] 

Ans. (1) 


किस लोकवाद्य में महारथ होने से साकर खान को 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया ?

(1) कमायचा 

(2) सारंगी 

(3) मोरचंग 

(4) खड़ताल 

[JEN (Civil) Diploma 06.12.2020] [ कनिष्ठ अनुदेशक (फिटर) सीधी भर्ती परीक्षा - 23.03.2019] 

Ans. (1)

व्याख्या - लोक वाद्य कमायचा वादन कमल साकर खाँ, जैसलमेर निवासी, मांगणियार जाति के प्रसिद्ध लोक कलाकार हैं। 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किये गये।


राजस्थान के प्रसिद्ध पखावज वादक है ?

(1) प. रामनारायण 

(2) प. पुरुषोत्तम दास 

(3) उस्ताद असदअली खा

(4) उस्ताद हिदायत खा

[Police Constable -2005][जेल प्रहरी 20-10-2018, S-III] 

Ans. (2)

व्याख्या - पुरुषोत्तम पखावजी नाथद्वारा के प्रसिद्ध पखावज वादक। भारत सरकार ने इन्हें पदमश्री से अलंकृत किया। पुरुषोत्तमजी ने अपने समस्त ज्ञान को 'मृदंग वादन' नामक पुस्तक में एकत्र किया।


भाँड, ढोली और मांगलियार राजस्थान के................................ है ?

 (1) पारंपरिक लोक संगीतकार 

(2) लोककला 

(3) धार्मिक समूह 

(4) खिलाड़ी

[ राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल - 15.05.2022 (II)]

Ans. (1) 

व्याख्या - लंगा  मुख्यत: जैसलमेर व बाड़मेर जिलों में पायी जाने वाली यह जाति कमायचा व सारंगी बजानें में पारंगत है।

मांगणियार मुख्यतः पश्चिमी राजस्थान ( जैसलमेर, बालोतरा, बाड़मेर, बीकानेर) के जिलों में पायी जाने वाली यह जाति कमायचा, खड़ताल व सुरणाई वादन में पारंगत है।

ढोली-ढोल बजाने वाले कलाकार ढोली कहलाते है। ढोलियों को दमामी, नक्कारची, जावड़ आदि नामों से भी जानते हैं।


वाद्य यंत्र-जाति सुमेलित कीजिए -

(A) सारंगी                     (1) भोपे 

(B) पूंगी                        (2) मांगणियार 

(C) कमायचा            (3) लंगा 

(D) रावणहत्था          (4) कालबेलिया


कूट : (A) (B) (C) (D)              (A) (B) (C) (D) 

     (1) 1          2            3        4        (2) 2         1          3        4 

    (3) 4        3            2         1         (4) 3         4           2         1 

[संगणक-19.12.2021] 

Ans. (4)


राजस्थान मूल के प्रख्यात शास्त्रीय वादक रामनारायण  तथा सुल्तान खाँ का सम्बन्ध किस वाद्य यन्त्र से है ?  

(1) कमायचा 

(2) सितार 

(3) सारंगी 

(4) तबला 

[CET : 08.01.2023 (S-II)]

Ans. (3)

व्याख्या- उस्ताद सुल्तान खाँ- पद्मभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध सारंगी वादक और गायक उस्ताद सुल्तान खाँ (सारंगी का अलबेला सुल्तान) का मुम्बई में निधन हो गया। उनका जन्म सीकर के शेखपुरा मोहल्ले में हुआ था।


सही सुमेलित नहीं हैं? 

(1) विश्वमोहन भट्ट - मोहन वीणा

(2) चतुर लाल - तबला 

(3) सुल्तान खा   - कमायचा

(4) जिया फरीदुद्दीन डागर -   ध्रुपद

[Librarian III Grade 11.09.2022] 

Ans. (3) 


सपेरों का कौनसा लोक वाद्य प्रसिद्ध है?

(1) पूँगी 

(2) शहनाई

(3) बांसुरी

(4) मंजीरा

[III Grade (SST) -26.02.2023]

Ans. (1)

व्याख्या - पूँगी (बीन) वाद्ययंत्र का निर्माण विशेष प्रकार के तुम्बे से किया जाता है। तुम्बे का ऊपरी हिस्सा लम्बा और पतला व नीचे का हिस्सा मोटा और गोल होता है। गोल हिस्से में छेदकर दो नलियाँ लगाई जाती है। एक में तीन तथा दूसरी में 9 छेद होते हैं। छेदों से स्वर कायम व निकालने के कार्य किए जाते हैं। यह वाद्ययंत्र मुख्य रूप से सपेरा जाति बजाती है।


निम्नलिखित में से किस वाद्य यंत्र को 'भेरी' भी कहा जाता है? 

(1) बांकिया 

(2) भूँगल 

(3) मशक 

(4) पूंगी 

[CET -4.2.2023 (S-I)] 

Ans. (2)

व्याख्या - भूँगल ( रणभेरी) मेवाड़ के भवाइयों का वाद्य है जो गाँव में खेल शुरू करने से पहले जनता को एकत्रित करने के लिए बजाया जाता है। यह पीतल की लम्बी नली की बनी होती है। बिगुल की भाँति यह रण का वाद्य रहा है, जो युद्ध शुरू करने से पूर्व बजाया जाता था।


कौनसा वाद्य यंत्र अलग है? 

(1) शहनाई 

(2) मशक 

(3) खड़ताल 

(4) अलगोजा 

[CET : 07.01.2023 (S-1)] 

Ans. (3) 

व्याख्या - खड़ताल 6 इंच से 8 इंच लम्बी और डेढ़ से दो इंच चौड़ी साधारण दिखने वाली दो पट्टियाँ खड़ताल कहलाती है। इसमें लकड़ी के टुकड़ों के बीच में पीतल की छोटी- छोटी तश्तरियाँ होती है जिन्हें बजाया जाता है। यह मुख्य रूप से साधु-संन्यासियों का वाद्य यंत्र है। अन्य तीन सुषिर वाद्य यंत्र हैं।

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  दुर्ग

1726 ईस्वी का राजलेख

1726 ईस्वी का राजलेख इसके तहत कलकात्ता, बंबई तथा मद्रास प्रेसिडेंसीयों के गवर्नर तथा उसकी परिषद को विधि बनाने की शक्ति प्रदान की गई, जो पहले कंपनी के इंग्लैंड स्थित विद्युत बोर्ड को प्राप्त थी।  यह सीमित थी क्योंकि - (1) यह ब्रिटिश विधियों के विपरीत नहीं हो सकती थी। (2) यह तभी प्रभावित होंगी जब इंग्लैंड स्थित कंपनी का निदेशक बोर्ड अनुमोदित कर दे। Charter Act of 1726 AD  Under this, the Governor of Calcutta, Bombay and Madras Presidencies and its Council were empowered to make laws, which was previously with the Company's Electricity Board based in England.  It was limited because -  (1) It could not be contrary to British statutes.  (2) It shall be affected only when the Board of Directors of the England-based company approves.

ऐतिहासिक संदर्भ(Historical Context)

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अरस्तू

🧠   अरस्तू यूनान के दार्शनिक  अरस्तू का जन्म 384 ईसा पूर्व में मेसीडोनिया के स्टेजिरा/स्तातागीर (Stagira) नामक नगर में हुआ था। अरस्तू के पिता निकोमाकस मेसीडोनिया (राजधानी–पेल्ला) के राजा तथा सिकन्दर के पितामह एमण्टस (Amyntas) के मित्र और चिकित्सक थे। माता फैस्टिस गृहणी थी। अन्त में प्लेटो के विद्या मन्दिर (Academy) के शान्त कुंजों में ही आकर आश्रय ग्रहण करता है। प्लेटो की देख-रेख में उसने आठ या बीस वर्ष तक विद्याध्ययन किया। अरस्तू यूनान की अमर गुरु-शिष्य परम्परा का तीसरा सोपान था।  यूनान का दर्शन बीज की तरह सुकरात में आया, लता की भांति प्लेटो में फैला और पुष्प की भाँति अरस्तू में खिल गया। गुरु-शिष्यों की इतनी महान तीन पीढ़ियाँ विश्व इतिहास में बहुत ही कम दृष्टिगोचर होती हैं।  सुकरात महान के आदर्शवादी तथा कवित्वमय शिष्य प्लेटो का यथार्थवादी तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला शिष्य अरस्तू बहुमुखी प्रतिभा का धनी था। मानव जीवन तथा प्रकृति विज्ञान का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो, जो उनके चिन्तन से अछूता बचा हो। उसकी इसी प्रतिभा के कारण कोई उसे 'बुद्धिमानों का गुरु' कहता है तो कोई ...