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लोक संगीत /लोक गीत

 

लोक संगीत /लोक गीत

'म्हारी बरसाले री मूमल, हालैनी ऐ आलीजे रे देख' नामक लोकगीत किस क्षेत्र का है?

(1) जोधपुर 

(2) बीकानेर 

(3) जैसलमेर 

(4) सिरोही 

[ पटवार परीक्षा-2011]

Ans. (3)


कौनसा प्रसिद्ध राजस्थानी गीत एक युवती के सौन्दर्य का वर्णन करता है?  

(1) कुरजाँ 

(2) मूमल 

(3) सपना 

(4) गोरबंध 

[LDC Exam - 09.09.2018]

Ans. (2) 

व्याख्या - जैसलमेर में गाया जाने वाला शृंगारिक लोकगीत मूमल में लोद्रवा (जैसलमेर) की राजकुमारी मूमल की सुन्दरता का नख से शिख तक वर्णन किया गया है।


सूबटिया लोकगीत का सम्बन्ध किससे है ? 

(1) गरासिया स्त्री से 

(2) सती स्त्री से  

(3) वीरांगना स्त्री से

(4) भील स्त्री से

[Police Constable Exam - 2013] 

 Ans. (4)

व्याख्या - मेवाड़ / पर्वतीय प्रदेश का सूबटिया लोकगीत भीलनी स्त्री द्वारा पति के लिए संदेश के रूप में गाया जाने वाला विरह गीत है।


भीलों का प्रसिद्ध लोकगीत जिसे स्त्री-पुरुष साथ मिलकर गाते हैं, है:- 

(1) संवलिया 

(2) झोरावा 

(3) सुपणा 

(4) हमसीढ़ो 

[Police Constable Ex- 2013] 

Ans. (4)


उत्तरी मेवाड़ के भीलों का प्रसिद्ध गीत है- 

(1) माँड 

(2) कुर्जा 

(3) मूमल 

(4) हमसीढ़ों 

[पशु परिचर-2.12.2024 (S-1)]

Ans. (4) 

व्याख्या - मेवाड़ / पर्वतीय प्रदेश का हमसीड़ो लोकगीत भीलों के युगल (स्त्री-पुरुषों) द्वारा गाया जाता है।


'लांगुरिया' लोकगीत है- 

(1) विवाह गीत 

(2) होली गीत 

(3) प्रेम गीत 

(4) भक्ति गीत

[II Grade (Maths) - 2011] 

Ans. (4) 


'लांगुरिया गीत' का सम्बन्ध है?

(1) शिलादेवी 

(2) करणीमाता 

(3) राणीसती 

(4) कैला देवी 

[E.O. Exam, 2007] 

Ans. (4) 


लांगुरिया गीत किस मंदिर पर गाया जाता है?

(1) कैलादेवी 

(2) चारभुजा 

(3) ब्रह्मा मन्दिर 

(4) जीणमाता 

[कारापाल परीक्षा, 2012]

Ans. (1) 

व्याख्या - गूजरों में अधिक मानी जाने वाली कैलादेवी के मंदिर की प्रमुख विशेषता कनक दण्डवत है। इनके भक्त इनकी आराधना में प्रसिद्ध लांगुरिया गीत गाते है।


पटेल्या, बीछियों एवं लालर क्या हैं?

(1) राजस्थानी आभूषण 

(2) राजस्थानी लोक गीत 

(3) राजस्थानी लोक वाद्य 

(4) राजस्थानी लोक नाट्य 

 [EO, 2007] ,[वनरक्षक-12.12.2022 (S-I)] 

Ans. (2)


पटेल्या, बीछियो, लालर व माछर क्या है ?

(1) मेवाड़ के प्रसिद्ध गीत 

(2) मारवाड़ के प्रसिद्ध गीत 

(3) मेवात के प्रसिद्ध गीत 

(4) हाड़ौती के प्रसिद्ध गीत 

[EO & RO -   14.5.2023 (SI) ] [ REET (L - II, S-II) - 23.7.2022] [महिला पर्यवेक्षक परीक्षा (Non-TSP ) - 29.11.2015]

Ans. (1)

व्याख्या - पटेल्या, बीछियों एवं लालर आदिवासियों द्वारा मेवाड़ प्रदेश में गाये जाने वाले प्रमुख लोकगीत है।


 पावणा गीत कब गाया जाता है?   

(1) बेटी की विदाई पर

(2) ससुराल में जवाँई के आगमन पर

(3) ब्याहीजी के आगमन पर

(4) पुत्र पैदा होने पर

[कारापाल 2012] 

Ans. (2)

व्याख्या - पावणा : किसी घर में ब्याहे जाने वाले व्यक्ति से सम्बन्धित गीत गाए जाते है, वे गीत पावणा कहलाते है । ये गीत भोजन कराते समय गाए जाते है जिनमें मीठी-मीठी गाली दी जाती है।


राजस्थान में एकमात्र शास्त्रीय नृत्य कत्थक के जयपुर घराने के प्रवर्तक माने जाते हैं - 

(1) लच्छन महाराज 

(2) भानूजी महाराज 

(3) बिरजू महाराज 

(4) उदयशंकर जी

[Asstt. Agr. Off. 31.5.19] 

Ans. (2)


व्याख्या -  

प्रमुख संगीत घराने एवं उनके प्रवर्तक

जयपुर घराना

मनरंग (भूपत खाँ)

डागर घराना

बहराम खाँ डागर

सेनिया घराना

तानसेन के पुत्र

सूरतसेनरंगीला घराना

रमजान खाँ मियाँ

रंगीलेकत्थक घराना (जयपुर)

भानूजी 

मेवाती घराना

उस्ताद घग्घे नजीर खाँ


पण्डित जसराज का सम्बन्ध किस घराने से है-

(1) मेवाती 

(2) जयपुर

(3) डागर 

(4) अतरौली

[ Police Constable Exam - 2006-07]

Ans. (1)

व्याख्या - मेवाती घराना  उस्ताद घग्घे नजीर खाँ द्वारा प्रारम्भ जयपुर की ख्याल गायकी का प्रसिद्ध घराना   है। पं. जसराज इसी घराने से संबंधित है।


नृत्य की कत्थक शैली का आदिम घराना है ? 

(1) लखनऊ 

(2) बनारस 

(3) जयपुर 

(4) कोई नहीं 

[RPSC III Grade Teacher Exam-2004] 

Ans. (3)


जयपुर   घराने का प्रसिद्ध नृत्य कौनसा है ?

(1) ओडिसी 

(2) भरतनाट्यम 

(3) कत्थक 

(4) कथकली 

[CET -4.2.2023 (S- II)] 

Ans. (3) 

व्याख्या - विद्वानों की ऐसी मान्यता है। कि कत्थक नृत्य की 'हिन्दू शैली' का प्रतिनिधित्व 'जयपुर घराना' ही करता है। जयपुर घराना कत्थक नृत्य शैली का आदिम घराना माना जाता है। जयपुर घराने के कत्थक नृत्य में हाव-भाव, संगीत, मुद्राएँ सभी सरल और ग्राह्य होती हैं। जयपुर घराने की वंश-परम्परा पाँच शाखाओं के रूप में पृथक-पृथक गाँव के व्यक्तियों के नाम से विकसित हुई । इन्हीं पाँचों शाखाओं के कत्थकों को 'जयपुर घराना' के नाम से जाना जाता है। प्रथम शाखा नायक नत्थूलाल, द्वितीय शाखा - - गिरधारी लाल, तृतीय शाखा शंकरलाल, बद्रीप्रसाद, - चतुर्थ शाखा पूर्णराम, पंचम शाखा भानूजी । 


श्रावण माह के दौरान राजस्थानी महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले लोकप्रिय लोक गीत का नाम बताएँ ?

 (1) तीज

(2) लोटिया 

(3) रसिया गीत 

(4) कजरी

[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल-15.07.2018(II)]

Ans. (1)

व्याख्या - श्रावण में ढूंढाड़-मारवाड़ तीज ( पंछीड़ा लाल आछी, पडी रीयारी पाछी) के गीत गाये जाते हैं।


ख्याल के जयपुर घराने के प्रवर्तक कौन थे  ? 

(1) नसीरूद्दीन खाँ 

(2) दुल्लू खाँ 

(3) मनरंग 

(4) हररंग 

[खाद्य सुरक्षा अधिकारी - 25.11.2019][ARO-27/30.8.2022][मूल्यांकन अधिकारी-23.8.2020]

Ans. (3)

व्याख्या - जयपुर घराना मनरंग ( भूपत खाँ) द्वारा स्थापित ख्याल गायन शैली का घराना है। उल्लेखनीय है कि मनरंग दिल्ली घराने के प्रवर्तक सदरंग के पुत्र थे। इस घराने की प्रमुख उपशाखाएँ है - पटियाला घराना (प्रवर्तक- फतेहअली एवं अली बख्श ) व अतरौली घराना ( साहब खाँ )।


मरूभूमि के लोकगीत उनकी किस भावना के परिचायक हैं? 

(1) उमंग 

(2) वियोग 

(3) हृदय की पीड़ा 

(4) सभी 

[ पटवार परीक्षा 2011] 

Ans. (4)

व्याख्या - राजस्थानी लोक-गीतों में मानव के सुख-दुःख का इतिहास, स्नेह और करुणा के विविध रंग तथा आँसू और मुस्कान के चित्र विविध रूपों में प्रकट हुए हैं। कहीं पुत्र के जन्म पर हर्ष और उल्लास से भरे स्वरों में ये लोकगीत गाए जाते हैं तो कहीं शोक और वियोग के दर्द को भी उजागर करते इन लोकगीतों को गाया गया हैं। राजस्थानी लोकगीतों का परिवेश बहुत व्यापक हैं। लोकगीतों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें व्यक्ति अपने अस्तित्व को सामूहिक जीवन में विलीन कर देता हैं।


राजस्थान में 'झोरावा' गीत है-  

(1) एक विरह गीत 

(3) वधू विदाई गीत 

(2) एक जन्मोत्सव गीत 

(4) फसल रोपने के समय गाया जाने वाला गीत 

[कनिष्ठ अनुदेशक - 10.09.2022]| महिला पर्यवेक्षक- 20.12.2015]

Ans. (1)


'झोरावा' लोक गीत का सम्बन्ध कहाँ से है-

(1) उदयपुर 

(2) जैसलमेर 

(3) बीकानेर 

(4) बाड़मेर 

[JEN (Civil) Degree - 18.05.2022] 

Ans. (2) 

व्याख्या - जैसलमेर क्षेत्र में पति के परदेश जाने पर उसके वियोग में गाये जाने वाले गीत झोरावा कहलाते हैं।


'होलार' राजस्थानी लोक गीत में जो.................. के अवसर पर गाए जाते हैं |

(1) विवाह के लिए प्रस्ताव दे 

(2) शिशु का जन्म होने 

(3) गणगौर उत्सवों 

(4) विवाह के समापन 

[राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल - 15.7.2018 (II)]

Ans. (2)


व्याख्या -पुत्र जन्मोत्सव पर जच्चा / होलर नामक मंगल गीत, सामूहिक रूप से गाया जाता है।


निम्नलिखित में से कौनसी गायकी लोकगायकी की   श्रेणी में सम्मिलित नहीं है?  

(1) ढोला 

(2) आल्हा 

(3) ध्रुपद 

(4) बारहमाषा 

[LDC- 16.09.2018]

Ans. (3)


ध्रुपद गायकी का आरंभ किसके शासनकाल में हुआ -

(1) राजा मानसिंह तोमर 

(2) मिर्जा राजा जयसिंह 

(3) राजा भगवन्त दास 

(4) उक्त कोई नहीं 

[पटवारी परीक्षा 2011]

Ans. (1) 

राजस्थान की प्रथम ध्रुपद गायिका थी?  

(1) नम्रता भट्ट 

(2) वीना शर्मा 

(3) शालिनी कुमारी तैलंग 

(4) मधु भट्ट तैलंग 

[संगणक-3.3.2024]

Ans. (4) 


किसका संबंध 'ध्रुपद' से है ?  

(1) स्वामी हरिदास 

(3) श्यामा शास्त्री 

(2) सदारंग 

(4) स्वाति तिरुनाल राम वर्मा

[पुलिस कॉन्स्टेबल-02.07.2022]

Ans. (1)


गौहरहारी, डागुरी, खण्डारी का संबंध किससे है ? 

(1) ध्रुपद गायकी 

(2) चित्रकला स्कूल 

(3) हस्तकला केन्द्र 

(4) नील उद्योग 

[JEN Degree (TSP) Exam 16.10.2016]

Ans. (1)

व्याख्या - ध्रुपद गायिकी का आरंभ राजा मानसिंह तोमर के शासनकाल में हुआ। राजस्थान में सर्वप्रथम बहराम खाँ (महाराजा रामसिंह के दरबारी गायक) ने इस गायिकी का प्रचार किया व इसने डागर घराने को विकसित किया। अकबर के समय में तानसेन और उनके गुरु स्वामी हरिदास, नायक बैजू और गोपाल आदि प्रख्यात ध्रुपद गायक थे।

मध्यकाल में ध्रुपद की निम्नांकित चार शैलियाँ / वाणियाँ प्रसिद्ध थी :- 

• गौहरहारी वाणी - इसकी उत्पत्ति ग्वालियर से हुई है तथा इसके प्रवर्तक तानसेन को माना जाता है।

• खंडारवाणी - उणियारा (राजस्थान) के निकट खंडार के शासक सम्मोखन सिंह इसके प्रवर्तक माने जाते हैं। इनके पुत्र मिश्रीसिंह की शादी तानसेन की पुत्री सरस्वती से हुई थी।

• गुरवाणी- प्रवर्तक ब्रजनंद डागर थे परन्तु बहराम खाँ डागर ने इसे प्रसिद्धि के उच्च स्तर पर प्रतिष्ठित किया । 

• नौहारवाणी - श्रीचंद नौहार इसके प्रवर्तक थे ।


राजस्थान के उमर फारूक मेवाती का सम्बन्ध किस क्षेत्र से था?  

(1) पर्यावरण 

(2) चिकित्सा विज्ञान 

(3) खेल 

(4) संगीत 

[LDC Exam -19.08.2018]

Ans. (4)

व्याख्या - उमर फारूक मेवाती अलवर (मेवात क्षेत्र) के प्रसिद्ध भपंगवादक हैं।


राजस्थान कबीर यात्रा का संबंध निम्नलिखित में से किस क्षेत्र से है ? 

(1) गायन 

(2) चित्रण

(3) लेखन

(4) वानिकी

[कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा 03.03.2019]

Ans. (1)

व्याख्या - राजस्थान पुलिस द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द एवं सामाजिक सद्भावना को बनाए रखने की दिशा में पर्यटन विभाग एवं लोकायन संस्था के सहयोग से प्रतिवर्ष राजस्थान कबीर यात्रा का आयोजन किया जाता है।


'ओल्यूं' राजस्थानी लोक जीवन के किस अवसर से सम्बन्धित है-  

(1) पुत्र जन्मोत्सव गीत 

(2) पुत्री विवाह का विदाई गीत 

(3) होली पर किया जाने वाला लोक नृत्य 

(4) बारात की आगवानी का गीत 

[JEN (Electric) Degree - 18.05.2022] [Veterinary Officer - 02.08.2020]

Ans. (2)

व्याख्या - ओल्यूं- विवाह के अवसर पर महिलाओं द्वारा बेटी की विदाई पर घर की स्त्रियों द्वारा मन हल्का करने के लिए गाया जाने वाला गीत ।


'जला' गीत स्त्रियों द्वारा कब गाया जाता है -

(1) कुँआ पूजन के समय 

(2) जलझूलनी एकादशी के अवसर पर 

(3) वर की बारात का डेरा देखने जाने पर 

(4) तीज पूजन के अवसर पर 

[खाद्य सुरक्षा अधिकारी- 25.11.2019]

Ans. (3)


सुमेलित नहीं है -

(1) घोड़ी गीत - वर निकासी पर घुड़चढ़ी रस्म के समय 

(2) जच्चा गीत - परिवार में बालक के जन्म के समय 

(3) जला गीत - बालक के जन्म के पश्चात् कुआं पूजन के समय 

(4) रसिया गीत - होलिकोत्सव पर

[ARO (Entomology) 28.8.2022] 

Ans. (3) 

व्याख्या - जला - विवाह में बारात का डेरा देखने के प्रसंग में वधू पक्ष की स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत ।


इंडोणी लोकगीत गाया जाता है -

(1) पति की मृत्यु पर पत्नी द्वारा 

(2) विवाह समारोह के दौरान 

(3) महिलाओं द्वारा कुएँ से पानी लेने जाते समय 

(4) बेटे के जन्म के समय महिलाओं द्वारा 

[वनरक्षक- 13.12.2022(1)] 

Ans. (3)


कौनसा एक लोकगीत राजस्थान के पर्वतीय क्षेत्र का नहीं है?  

(1) पटेल्या 

(2) कुरजाँ 

(3) बिछीयो 

(4) लालर 

[कॉलेज व्याख्याता (सारंगी) परीक्षा 30.05.2019]

Ans. (2)

व्याख्या - कुरजाँ : प्रवासी पक्षी को आधार बनाकर वियोगिनी स्त्री द्वारा गाया जाने वाला विरह गीत जिसके बोल है- "कूज एक म्हारौ भंवर मिलाद्यो ए। "


'लोकगीत किसी संस्कृति के मुँह बोले चित्र हैं।' यह किसका कथन है- 

(1) देवेन्द्र सत्यार्थी 

 (2) सत्येन्द्र त्रिपाठी 

(3) महात्मा गाँधी 

(4) डॉ. जेतनारायण शास्त्री 

[पटवारी परीक्षा 2011]

Ans. (1)

व्याख्या - 'लोकयात्री' देवेन्द्र सत्यार्थी (मूल नाम देवइंडर बत्ता ) लोकगीत अध्ययन के प्रणेताओं में से रहे हैं। उन्होंने देश के कोने-कोने की यात्रा कर वहां के लोकजीवन, गीतों और परंपराओं को संगृहीत कर आत्मसात किया ।


'लोकगीत लोगों की भाषा है, वे हमारी संस्कृति के संरक्षक है।' यह किसका कथन है-  

(1) देवेन्द्र सत्यार्थी 

(2) सत्येन्द्र त्रिपाठी 

(3) महात्मा गाँधी 

(4) डॉ. जेतनारायण शास्त्री 

[पशु परिचर-2.12.2024 (S-II)]

Ans. (3) 


रतवाई लोक गीत किस क्षेत्र में गाए जाते हैं? 

(1) मेवाड़ 

(2) मारवाड़ 

(3) मेवात 

(4) हाड़ौती 

[ कनिष्ठ अनुदेशक (इलेक्ट्रीशियन) - 24.03.2019] 

Ans. (3)


घूघरी, केवड़ा आदि लोकगीत किस क्षेत्र से सम्बन्धित है -  

(1) पर्वतीय क्षेत्र  

(2) मैदानी क्षेत्र 

(3) मरुस्थलीय क्षेत्र

(4) मेवात क्षेत्र 

[Librarian Garde-II Exam 02.08.2020]

Ans. (3) 


कुरजां पीपली, घूघरी, केवड़ा क्या हैं?

(1) राजस्थानी आभूषण 

(2) राजस्थानी लोक गीत 

(3) राजस्थानी लोक नृत्य 

(4) राजस्थानी लोक नाट्य 

[III Grade (Sindhi) - 01.03.2023] 

Ans. (2) 

व्याख्या - राजस्थान में मरुप्रदेश के लोकगीत - घूघरी, केवड़ा, सुपणा, कुरंजा, पीपली, कागा, मूमल, इण्डोणी और कांगसियों । 


गणगौर पर्व के दौरान गाए जाने वाले गीत में 'गिन्दोली' का नाम प्रयुक्त होता है। यह 'गिन्दोली' कौन थीं?

(1) राव सातल की पुत्री

(2) बहादुर शाह की पुत्री

(3) अहमदाबाद के सूबेदार, महमूद बेग की पुत्री

(4) मालाणी के शासक, मल्लिनाथ की पुत्री

(5) अनुत्तरित प्रश्न

Asst. Prof. (Sanskrit College Edu.) - 2024 (GENERAL STUDIES OF RAJASTHAN)

Ans.(3)

व्याख्या - गिन्दोली अहमदाबाद के सूबेदार 'महमूद बेग' की पुत्री थी, जिसे मालाणी के शासक मल्लीनाथ के पुत्र जगमाल से प्रेम हो गया और जगमाल से शादी की।


राजस्थान का वह संगीतज्ञ जिसके विषय में किंवदन्ती है कि उसने एक राग से पत्थर को पिघला दिया था- 

(1) हरिसिंह 

(2) मोहन लाल 

(3) कुशालीराम 

(4) ख्यालीराम 

[पटवारी परीक्षा 2011] 

Ans. (1)


चिरमी राज्य के कौनसे क्षेत्र में मिलती है? 

(1) पश्चिमी मरुस्थल 

(2) उत्तर अर्धशुष्क 

(3) पूर्वी मैदान

(4) हाड़ौती पठार 

[III Grade (Sindhi) - 01.03.2023] 

Ans. (3) 


होली पर पुरुषों द्वारा कौनसे गीत गाए जाते हैं?  

(1) बधावा 

(2) तोरण 

(3) रसिया 

(4) मायरा 

[पशु परिचर-1.12.2024 (S-1)]

Ans. (3)


जयपुर के महाराजा राम सिंह के दरबारी संगीतज्ञ कौन थे?

(1) दुल्लू खां

(2) तानसेन पाण्डे

(3) मुहम्मद अली खां

(4) गुल्लू भाई

(5) अनुत्तरित प्रश्न

Ans. (3)

Asst. Prof. (Sanskrit College Edu.) - 2024 (HISTORY-II)


लोक गीत

गीत का नाम

क्षेत्र

समय

प्रकार एवं गायन

लांगुरिया

करौली

कैलादेवी के मेले पर चैत्र माह

कैलादेवी की आराधना  में भक्तों द्वारा, कैला मैया के भवन में ढुण्ढन खेले लांगुरिया...... वीर रस

पंछीड़ा

हाड़ौती व ढूंढ़ाड़

मेले के अवसर पर

अलगोजा, ढोलक, मंजिरों के साथ सामूहिक गायन। यहाँ पंछीड़ा शब्द का प्रयोग प्राणियों के लिए किया गया है।

बीछूड़ो

हाड़ौती

किसी भी समय

बिच्छू के डंक से मरणासन्न पत्नी द्वारा पति को दूसरे विवाह का संदेश देने के लिए; "मैं तो मरी होती आज खा गयो बैरी बीछूड़ो" को दूसरे विवाह का संदेश देने के लिए।

चिरमी

मालवा (पूर्वी मैदान)

चिरमी नववधू प्रतीक

नववधू अपने भाई या पिता की प्रतीक्षा के समय की मनोदशा का वर्णन, चिरमी रा डाला चार....

सुवटिया

मेवाड़/पर्वतीय प्रदेश

कभी भी/वर्षा ऋतु

विरह गीत, भीलनी स्त्री द्वारा पति को संदेश

हमसीढ़ो

मेवाड़/पर्वतीय प्रदेश

श्रावण/फाल्गुन

भीलों का युगल। (स्त्री-पुरुषों द्वारा)

रसिया

भरतपुर-धौलपुर

होली के अवसर पर

माखन की चोरी कन्हैया मैं समझाऊं तोय


जनसाधारण के लोक गीत (आम लोगों के लोक गीत)

गीत का नाम

अवसर

गायन

प्रकार एवं गायन

माहेरा (भात)

विवाह

महिलाओं द्वारा

लड़के-लड़की की शादी पर मामा द्वारा भात भरे जाने पर 

काजलियों

विवाह

महिलाओं द्वारा

निकासी के समय वर की आँखों में भौजाई द्वारा काजल की रस्म पर

जच्चा/होलर

पुत्र जन्मोत्सव

महिलाओं द्वारा

मंगल गीत, सामूहिक

मोरिया

विवाह-प्रतीक्षा

-

बालिका की व्यथा जिसकी सगाई के बाद विवाह में देरी हो

लोटिया

चैत्र मास में

महिलाओं द्वारा

तालाबों और कुंओं से पानी के कलश लाए जाने के दौरान

पंखिड़ा

खेतों में

काश्तकारों द्वारा

अलगोजा और मंजिरा बजाकर प्रेम से गाते हैं।

सीठणे

विवाह

महिलाओं द्वारा

'गाली' गीत जो खुशी व आत्मानंद के लिए गाये जाते हैं।

कुकड़ी गीत

अमावस्या

महिलाओं द्वारा

रात्रि जागरण का अंतिम गीत 'कुकड़ी गीत' कहलाता है।

परणोत

विवाह

महिलाओं द्वारा

परणोत के गीतों में विदाई के वक़्त बहुत ही मर्मस्पर्शी होते हैं।

पीठी गीत

विवाह

महिलाओं द्वारा

वर-वधू को नहलाने से पूर्व पीठी व उबटन लगाते समय पीठी गीत गाया जाता है।

चाक गीत

विवाह

महिलाओं द्वारा

कुम्हार के घर जाकर चाक पूजने (पूजा) के समय गाया जाता है।

बन्ना-बन्नी

विवाह

महिलाओं द्वारा

राजस्थान में दूल्हा व दुल्हन के लिए गाया जाता है।


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  1600 ईस्वी का राजलेख 👉 इसके तहत कंपनी को 15 वर्षों के लिए पूर्वी देशों में व्यापार करने का एकाधिकार दिया गया। 👉 यह राजलेख महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने  31 दिसंबर, 1600 ई. को जारी किया। 👉 कंपनी के भारत शासन की समस्त शक्तियां एक गवर्नर(निदेशक), एक उप-गवर्नर (उप-निदेशक) तथा उसकी 24 सदस्यीय परिषद को सौंप दी गई तथा कंपनी के सुचारू प्रबंधन हेतु नियमों तथा अध्यादेश को बनाने का अधिकार दिया गया। 👉 ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के समय इसकी कुल पूंजी  30133 पौण्ड थी तथा इसमें कुल 217 भागीदार थे। 👉 कंपनी के शासन को व्यवस्थित करने हेतु कलकत्ता, बंबई तथा मद्रास को प्रेसीडेंसी नगर बना दिया गया तथा इसका शासन प्रेसीडेंसी व उसकी परिषद् करती थी। 👉 महारानी एलिजाबेथ ने ईस्ट इंडिया कंपनी को लॉर्ड मेयर की अध्यक्षता में पूर्वी देशों में व्यापार करने की आज्ञा प्रदान की थी। 👉 आंग्ल- भारतीय विधि- संहिताओं के निर्माण एवं विकास की नींव 1600 ई. के चार्टर से प्रारंभ हुई। 👉 ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपना कार्य सूरत से प्रारंभ किया। 👉 इस समय भारत में मुगल सम्राट अकबर का शास...

संवैधानिक विकास

संवैधानिक विकास 👉 31 दिसंबर 1600 को महारानी एलिजाबेथ प्रथम के चार्टर के माध्यम से अंग्रेज भारत आए।  👉 प्रारंभ में इनका मुख्य उद्देश्य व्यापार था जो ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से शुरू किया गया।  👉 मुगल बादशाह 1764 में बक्सर के युद्ध में विजय के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को दीवानी अधिकार दिए। 👉 1765 ईस्वी में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल,बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी अधिकार प्राप्त कर लीए। 👉 1858 ईस्वी में हुए सैनिक विद्रोह ऐसे भारत शासन का दायित्व सीधा ब्रिटिश ताज ने ले लिया। 👉 सर्वप्रथम आजाद भारत हेतु संविधान की अवधारणा एम. एन. राय के द्वारा 1934 में दी गई।  👉 एम. एन. राय के सुझावों को अमल में लाने के उद्देश्य से 1946 में सविधान सभा का गठन किया गया। 👉 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। 👉 संविधान की अनेक विशेषता ब्रिटिश शासन चली गई तथा अन्य देशों से भी, जिनका क्रमवार विकास निम्न प्रकार से हुआ- 1. कंपनी का शासन (1773 ई. - 1858 ई. तक)  2. ब्रिटिश ताज का शासन (1858 ई. – 1947 ई. तक) Constitutional development 👉The Brit...

1781 ई. का एक्ट ऑफ सेटलमेंट

1781 ई. का Act of settlement(बंदोबस्त कानून) 👉 1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट के दोषों को दूर करने के लिए ब्रिटिश संसद के प्रवर समिति के अध्यक्ष एडमंड बर्क के सुझाव पर इस एक्ट का प्रावधान किया गया। 👉 इसके अन्य  नाम - संशोधनात्मक अधिनियम (amending act) , बंगाल जुडीकेचर एक्ट 1781 इस एक्ट की विशेषताएं:- 👉कलकत्ता के सभी निवासियों को सर्वोच्च न्यायालय के अधिकर क्षेत्र के अंतर्गत कर दिया गया। 👉 इसके तहत कलकत्ता सरकार को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का अधिकार दे दिया गया। अब कलकत्ता की सरकार को विधि बनाने की दो श्रोत प्राप्त हो गए:-  1. रेगुलेटिंग एक्ट के तहत कलकत्ता प्रेसिडेंसी के लिए 2. एक्ट ऑफ सेटलमेंट के अधीन बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा के दीवानी प्रदेशों के लिए 👉 सर्वोच्च न्यायालय के लिए आदेशों और विधियों के संपादन में भारतीयों के धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाजों तथा परंपराओं का ध्यान रखने का आदेश दिया गया अर्थात् हिंदुओं व मुसलमानों के धर्मानुसार मामले तय करने का प्रावधान किया गया । 👉 सरकारी अधिकारी की हैसियत से किए गए कार्यों के लिए कंपनी ...

राजस्थान नगरपालिका ( सामान क्रय और अनुबंध) नियम, 1974

  राजस्थान नगरपालिका ( सामान क्रय और अनुबंध) नियम , 1974 कुल नियम:- 17 जी.एस.आर./ 311 (3 ) – राजस्थान नगरपालिका अधिनियम , 1959 (1959 का अधिनियम सं. 38) की धारा 298 और 80 के साथ पठित धारा 297 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए , राज्य सरकार इसके द्वारा , निम्नलिखित नियम बनाती हैं , अर्थात्   नियम 1. संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ – ( 1) इन नियमों का नाम राजस्थान नगरपालिका (सामान क्रय और अनुबंध) नियम , 1974 है। ( 2) ये नियम , राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से एक मास पश्चात् प्रवृत्त होंगे। राजपत्र में प्रकाशन:- 16 फरवरी 1975 [भाग 4 (ग)(1)] लागू या प्रभावी:- 16 मार्च 1975 [ 1. अधिसूचना सं. एफ. 3 (2) (75 एल.एस.जी./ 74 दिनांक 27-11-1974 राजस्थान राजपत्र भाग IV ( ग) ( I) दिनांक 16-2-1975 को प्रकाशित एवं दिनांक 16-3-1975 से प्रभावी।]   नियम 2. परिभाषाएँ – इन नियमों में , जब तक संदर्भ द्वारा अन्यथा अपेक्षित न हो , (i) ' बोर्ड ' के अन्तर्गत नगर परिषद् ( Municipal Council) आती है ; (ii) ' क्रय अधिकारी ' या ' माँगकर्त्ता अधिकार...

वैश्विक राजनीति का परिचय(Introducing Global Politics)

🌏 वैश्विक राजनीति का परिचय( Introducing Global Politics)

राजस्थान के दुर्ग

  दुर्ग

1726 ईस्वी का राजलेख

1726 ईस्वी का राजलेख इसके तहत कलकात्ता, बंबई तथा मद्रास प्रेसिडेंसीयों के गवर्नर तथा उसकी परिषद को विधि बनाने की शक्ति प्रदान की गई, जो पहले कंपनी के इंग्लैंड स्थित विद्युत बोर्ड को प्राप्त थी।  यह सीमित थी क्योंकि - (1) यह ब्रिटिश विधियों के विपरीत नहीं हो सकती थी। (2) यह तभी प्रभावित होंगी जब इंग्लैंड स्थित कंपनी का निदेशक बोर्ड अनुमोदित कर दे। Charter Act of 1726 AD  Under this, the Governor of Calcutta, Bombay and Madras Presidencies and its Council were empowered to make laws, which was previously with the Company's Electricity Board based in England.  It was limited because -  (1) It could not be contrary to British statutes.  (2) It shall be affected only when the Board of Directors of the England-based company approves.

ऐतिहासिक संदर्भ(Historical Context)

 🗺  ऐतिहासिक संदर्भ(Historical Context)

अरस्तू

🧠   अरस्तू यूनान के दार्शनिक  अरस्तू का जन्म 384 ईसा पूर्व में मेसीडोनिया के स्टेजिरा/स्तातागीर (Stagira) नामक नगर में हुआ था। अरस्तू के पिता निकोमाकस मेसीडोनिया (राजधानी–पेल्ला) के राजा तथा सिकन्दर के पितामह एमण्टस (Amyntas) के मित्र और चिकित्सक थे। माता फैस्टिस गृहणी थी। अन्त में प्लेटो के विद्या मन्दिर (Academy) के शान्त कुंजों में ही आकर आश्रय ग्रहण करता है। प्लेटो की देख-रेख में उसने आठ या बीस वर्ष तक विद्याध्ययन किया। अरस्तू यूनान की अमर गुरु-शिष्य परम्परा का तीसरा सोपान था।  यूनान का दर्शन बीज की तरह सुकरात में आया, लता की भांति प्लेटो में फैला और पुष्प की भाँति अरस्तू में खिल गया। गुरु-शिष्यों की इतनी महान तीन पीढ़ियाँ विश्व इतिहास में बहुत ही कम दृष्टिगोचर होती हैं।  सुकरात महान के आदर्शवादी तथा कवित्वमय शिष्य प्लेटो का यथार्थवादी तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला शिष्य अरस्तू बहुमुखी प्रतिभा का धनी था। मानव जीवन तथा प्रकृति विज्ञान का शायद ही कोई ऐसा पहलू हो, जो उनके चिन्तन से अछूता बचा हो। उसकी इसी प्रतिभा के कारण कोई उसे 'बुद्धिमानों का गुरु' कहता है तो कोई ...