सकल राष्ट्रीय उत्पाद/GNP : उत्पादन अथवा मूल्य वृद्धि दृष्टिकोण(Production or Valued-Added Approach)
इस दृष्टिकोण में किसी वर्ष में अन्तिम वस्तुओं तथा सेवाओं (Final Goods and Services) के कुल उत्पादन के बाज़ार मूल्यों को जोड़कर सकल राष्ट्रीय उत्पाद (GNP) ज्ञात किया जाता है।
कुल उत्पादन के मूल्य को मापने की एक वैकल्पिक विधि भी है जिसे मूल्य वृद्धि दृष्टिकोण (Value Added Approach) कहते हैं। आधुनिक काल में एक वस्तु के उत्पादन की अनेक अवस्थाएँ (stages) होती हैं। यदि उत्पादन की प्रत्येक अवस्था में हुई मूल्य-वृद्धि (value added in different stages) का जोड़ किया जाए तो इससे हमें अन्तिम पदार्थों के उत्पादन का मूल्य मालूम हो जाता है। इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। कल्पना कीजिए कि एक अर्थव्यवस्था में कपड़े का उत्पादन होता है। कपड़े के उत्पादन की विभिन्न अवस्थाएँ निम्न हैं-
1. खेतों में रुई उत्पादित करना
2. रुई से सूत बनाना
3. सूत से कपड़ा बनाना
4. कपड़े के थोक व्यापारी
5. कपड़े से वस्तर बनाना
अतः यदि सकल उत्पाद की गिनती में अन्तिम पदार्थ के साथ मध्यवर्ती पदार्थों के मूल्य को भी जोड़ा जाए तो इससे GNP की संख्या बहुत अधिक ( 55000 रुपये) हो जाएगी जो कि बिल्कुल गलत होगा।
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