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भारत की स्थिति

 

भारत – स्थिति


भारत के मानचित्र को देखिए  इसका अक्षांशीय विस्तार 8°4 से लेकर 37°6 उत्तरी अक्षांश  एवं देशांतरीय विस्तार 68°7 पूर्व देशांतर से 97°25 पूर्व देशांतर के मध्य है


प्रश्न. क्या आप इसके दक्षिणतम् और उत्तरतम् अक्षांशों को तथा सबसे पूर्वी और सबसे पश्चिमी देशांतरों को चिह्नित कर सक ते हैं?

उत्तर:-

दक्षिणतम् अक्षांशों- 8°4 उत्तरी अक्षांश 

उत्तरतम् अक्षांशों- 37°6 उत्तरी अक्षांश 

सबसे पूर्वी  देशांतरों 97°25′ पूर्व देशांतर

सबसे पश्चिमी देशांतरों 68°7′ पूर्व देशांतर

भारत की मुख्य भूमि उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम में गुजरात तक फैली हुई है। भारत का सीमांतर्गत क्षेत्र आगे समुद्र की ओर 12 समुद्री मील (लगभग 21.9 किलोमीटर) तक फैला हुआ है।



मानक मील :         63,360 इंच

समुद्री मील :          72,960 इंच

1 मानक मील :      लगभग 1.6 कि.मी. (1.584 कि.मी.)

1 समुद्री मील :      लगभग 1.8 कि.मी. (1.824 कि.मी.)

हमारे देश की दक्षिणी सीमा बंगाल की खाड़ी में 6°45' उत्तर अक्षांश के साथ निर्धारित होती है।

अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार के परिणामों का विश्लेषण-

यदि आप भारत के अक्षांशीय और देशांतरीय विस्तार की गणना करें तो इनमें अंतर लगभग 30° का है, जबकि उत्तर से दक्षिण तक इसकी वास्तविक दूरी 3,214 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक इसकी दूरी केवल 2,933 किलोमीटर है।


प्रश्न. इस अंतर का क्या कारण है?

उत्तर:- यह अंतर इस तथ्य पर आधारित है कि ध्रुवों की ओर जाते समय दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी घटती जाती है, जबकि दो अक्षांश रेखाओं के बीच दूरी हर जगह एक-सी रहती है।  

 

प्रश्न:-दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी?

उत्तर:-111km/ 69 miles

अक्षांश रेखाओं के मानों से ज्ञात होता है कि भारत का दक्षिणी हिस्सा उष्णकटिबंध में और उत्तरी हिस्सा उपोष्ण कटिबंध अथवा कोष्ण शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है। यही स्थिति देश में भू-आकृति, जलवायु, मिट्टी के प्रकारों तथा प्राकृतिक वनस्पति में पाई जाने वाली भारी भिन्नता के लिए उत्तरदायी है।



देशांतरीय विस्तार और भारत के लोगों पर उसके प्रभाव-

किसी क्षेत्र के स्थानीय समय का निर्धारण प्रमुख याम्योत्तर पर होने वाले समय के सापेक्ष किया जाता है।

विश्व को 24 टाइम ज़ोन में विभाजित किया गया है ।

पृथ्वी अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है। यही कारण है कि पूर्व में सूर्योदय एवं पश्चिम में सूर्यास्त होता है। पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई 360° देशांतर अर्थात् एक चक्कर/घूर्णन  लगभग 24 घंटे में पूरा करती है। चूँकि, 180° देशांतर प्रमुख याम्योत्तर के पूर्व एवं पश्चिम दोनों ओर स्थित है, इसलिए सूर्य पूर्व से पश्चिमी गोलार्द्ध में जाने में 12 घंटे का समय लेता है। इस प्रकार सूर्य पूर्व से पश्चिम प्रति घंटा 15° देशांतर या प्रति 4 मिनट में देशांतर को पार करता हुआ दिखाई देता है। जब हम पश्चिम से पूर्व की ओर बढ़ते हैं तब समय बढ़ता है तथा जब हम पश्चिम की ओर बढ़ते हैं तब समय घटता है।

देशांतर रेखाओं के मानों से स्पष्ट होता है कि इनमें लगभग 30 डिग्री का अंतर है जो हमारे देश के सबसे पूर्वी व सबसे पश्चिमी भागों के समय में लगभग 2 घंटों का अंतर पैदा करता है।

भारत के मानक समय का निर्धारण 82°30' पू. (E) से किया जाता है, जो कि मिर्ज़ापुर से गुजरती है। अतः भारतीय मानक समय (IST) ग्रिनिच माध्य समय (GMT) से 5.30 घंटे आगे है। (82°30' × 4)÷ (60 मिनट) = 5 घंटे 30 मिनट।

प्रश्न:-मानक याम्योत्तर का क्या उपयोग है?

उत्तर:- मानक याम्योत्तर से किसी देश के स्थानीय माध्य समय का निर्धारण किया जाता है। जैसे- भारत का मानक GMT से 82.5° पूर्व है , जिसका अर्थ है कि हमारा मानक समय ग्रीनविच के मानक समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

 

प्रश्न:-जब उत्तर-पूर्वी राज्यों में जैसलमेर की तुलना में सूर्य दो घंटे पहले उदय होता है तो पूर्व में डिब्रूगढ़, इम्फ़ाल तथा देश के अन्य भागों में स्थित जैसलमेर, भोपाल अथवा चेन्नई में घड़ियाँ एक जैसा समय दिखाती हैं। ऐसा  क्यों होता है?

उत्तर:- भारत का मानक याम्योत्तर  एक है।  




प्रश्न:- भारत के कुछ ऐसे स्थानों के नाम लिखिए जिनमें से मानक याम्योत्तर गुजरती है?

उत्तर:- 5 राज्यों से [उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा तथा आन्ध्र प्रदेश]



विश्व के सभी मानक याम्योत्तर का चुनाव इस तरह किया जाता है कि ये 150° या 7°30' द्वारा विभाजित हों, ताकि मानक समय एवं ग्रिनिच माध्य समय के बीच के अंतर को 1 या आधे घंटे के गुणक के रूप में बताया जा सके।यही कारण है कि 82°30' पूर्व याम्योत्तर को भारत की मानक याम्योत्तर चुना गया है। भारतीय मानक समय ग्रीनविच माध्य समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

कुछ देश ऐसे हैं जिनमें अधिक पूर्व-पश्चिम विस्तार के कारण एक से अधिक मानक देशांतर रेखएँ है। उदाहरणतः संयुक्त राज्य अमेरिका में 6 समय कटिबंध हैं।

भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है जो विश्व के स्थलीय धरातल का 2.4 प्रतिशत भाग है।

क्षेत्रफल की दृष्टि से  भारत विश्व का 7 वाँ (रूस,कनाडा, चीन,अमेरिका,ब्राजील,ऑस्ट्रेलिया,भारत)बड़ा देश है।



आकार

भारत के आकार ने इसे विशिष्ट भौतिक विविधता प्रदान की है। उत्तर में ऊँचे पर्वत, गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, कृष्णा, गोदावरी और कावेरी जैसी बड़ी नदियाँ हैं।  

उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी भारत में वनाच्छादित पहाड़ियाँ हैं।  

उत्तर पश्चिम में मरुस्थली में रेत के विस्तृत फैलाव हैं।

उत्तर में हिमालय पर्वत, उत्तर-पश्चिम में हिंदूकुश व सुलेमान श्रेणियों, उत्तर-पूर्व में पूर्वांचल पहाड़ियों तथा दक्षिण में विशाल हिंद महासागर से सीमांकित एक बृहत भौगोलिक इकाई है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप कहा जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप में पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और भारत आते हैं। भूतकाल में हिमालय अपनी अन्य श्रेणियों के साथ एक मजबूत भौतिक अवरोधक की भूमिका निभाता रहा है। खैबर, बोलन, शिपकीला, नाथुला तथा बोमडीला जैसे कुछ पहाड़ी दर्रों  को छोड़कर इसे पार करना मुश्किल था। हिमालय पर्वत ने भारतीय उपमहाद्वीप को एक अद्वितीय क्षेत्रीय पहचान स्थापित करने में सहायता की है।

भारत के भौतिक मानचित्र का हवाला देते हुए अब आप उन भौतिक विविधताओं का वर्णन कर सकते हैं, जो कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान में जैसलमेर से मणिपुर में इम्फ़ाल तक यात्रा करते समय आपके मार्ग में आएँगे।

भारत का प्रायद्वीप भाग हिंद महासागर की ओर उभरा हुआ है। भारत की संपूर्ण तट रेखा द्वीप समूहों समेत 7,517 किलोमीटर पर विस्तृत है। अतः एक देश के रूप में भारत भौतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण भू-भाग है, जिससे यहाँ विभिन्न प्रकार के संसाधन पाए जाते हैं।

भुवन वेब पोर्टल?

स्कूल भुवन एक वेब पोर्टल है जो देश के प्राकृतिक संसाधनों, पर्यावरण और सतत विकास में उनकी भूमिका के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता लाने के लिए मानचित्र आधारित शिक्षा प्रदान करता है। यह एन.सी.ई.आर.टी. पाठयक्रम के आधार पर भुवन-एन.आर.एस.सी/इसरो की एक पहल है। आप भारत के विभिन्न मानचित्रों को देख सकते हैं - http://bhuvan-app1.nrsc.gov.in/mhrd_ncert/                                                           

भारत एवं उसके पड़ोसी



भारत, एशिया महाद्वीप के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित है और बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के रूप में विस्तृत इसकी दोनों भुजाएँ हिंद महासागर के साथ सीमा बनाती हैं। प्रायद्वीपीय भारत की इस सामुद्रिक स्थिति की वजह से ही भारत समुद्री व वायुमार्गों द्वारा अपने पड़ोसी क्षेत्रों से जुड़ा है।

प्रश्न:- मानचित्र को देखते हुए भारत के पड़ोसी देशों की एक सूची बनाएँ?

उत्तर:-पाकिस्तान,अफगानिस्तान,चीन,नेपाल,भूटान,बांगलादेश,म्यांमार



श्रीलंका और मालदीव, हिंद महासागर में स्थित दो द्वीपीय पड़ोसी देश हैं। श्रीलंका भारत से मन्नार की खाड़ी और पाक जलसंधि द्वारा अलग हुआ है।

प्रश्न:- खाड़ी तथा जलसंधि में अंतर स्पष्ट कीजिए?

उत्तर:-

खाड़ी

जलसंधि

जल का वह भाग जो तीन तरफ स्थल से घिरा हो और एक भाग का मुहाना समुद्र से मिला होता है

जलसंधि दो महाद्वीपों, द्वीपों या दो बड़े जल क्षेत्रों के बीच स्वाभाविक रूप से बनाई गई संकीर्ण पट्टी को कहते हैं|

प्रश्न:- क्या आप सोचते हैं कि आज के आधुनिक युग में भौतिक दूरी अपने पड़ोसी देशों से अंतःक्रिया करने में बाधक है? हमने किस प्रकार भौतिक दूरियों द्वारा पैदा किए गए यात्रा के घर्षण को तटस्थ किया है?

उत्तर:- आज के आधुनिक युग में भौतिक दूरी अपने पड़ोसी देशों से अंतःक्रिया करने में बाधक नहीं है क्योंकि तकनीकी के विकास द्वारा आवगमन के साधनों (जल,स्थल व वायु) का विकास कर भौतिक दूरियों द्वारा पैदा किए गए यात्रा के घर्षण को तटस्थ किया है।

अभ्यास

1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिएः-

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा अक्षांशीय विस्तार भारत की संपूर्ण भूमि के विस्तार के संदर्भ में प्रासंगिक है?

(क) 8°41' उ. से 35°7' उ.           (ख) 8°4' उ. से 35°6' उ.

(ग) 8°4' उ. से 37°6' उ.              (घ) 6°45' उ. से 37°6' उ.

(ii) निम्नलिखित में से किस देश की भारत के साथ सबसे लंबी स्थलीय सीमा है?

(क) बांग्लादेश             (ख) पाकिस्तान

(ग) चीन                       (घ) म्यांमार



(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा देश क्षेत्रफल में भारत से बड़ा है?

(क) चीन                     (ख) फ्रांस

(ग) मिस्र                     (घ) ईरान

(iv) निम्नलिखित याम्योत्तर में से कौन-सा भारत का मानक याम्योत्तर है?

(क) 69°30' पूर्व         (ख) 75°30' पूर्व

(ग) 82°30' पूर्व          (घ) 90°30' पूर्व

(v) अगर आप एक सीधी रेखा में राजस्थान से नागालैंड की यात्रा करें तो निम्नलिखित नदियों में से किस एक को आप पार नहीं करेंगे?

(क) यमुना                 (ख) सिंधु

(ग) ब्रह्मपुत्र                (घ) गंगा

2. निम्नलिखित प्रश्नों का लगभग 30 शब्दों में उत्तर देंः-

(i) क्या भारत को एक से अधिक मानक समय की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो आप ऐसा क्यों सोचते हैं?

उत्तर:- हाँ, भारत को एक से अधिक मानक समय की आवश्यकता है, क्योंकि देश के सबसे पूर्वी व सबसे पश्चिमी भागों के समय में लगभग 2 घंटों का अंतर होता है| भारत के देशांतर रेखाओं के मानों में 30° का अंतर है| इसलिए, हमें एक से अधिक मानक समय की आवश्यकता है| कुछ ऐसे हैं जिनमें अधिक पूर्व-पश्चिम विस्तार के कारण एक से अधिक मानक देशांतर रेखाएँ हैं| उदाहरणतः संयुक्त राज्य अमेरिका में छह समय कटिबंध है|

(ii) भारत की लंबी तटरेखा के क्या प्रभाव हैं?

उत्तर:- भारत का प्रायद्वीप भाग हिन्द महासागर की ओर उभरा हुआ है| भारत की मुख्य भूमि 6,100 किलोमीटर की समुद्र तट तथा संपूर्ण तट रेखा द्वीप समूह अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप समेत 7,517 किलोमीटर पर विस्तृत है| यह पश्चिमी तट से पश्चिमी एशिया, अफ्रीका और यूरोप तथा पूर्वी तट से दक्षिणपूर्व और पूर्वी एशिया के साथ संबंध स्थापित करने में भारत की सहायता करता है| हालांकि, यह बाहरी बलों से सुरक्षा के लिए समुद्र तटरेखा की नियमित निगरानी रखने के लिए भारत को ताकत प्रदान करता है|

(iii) भारत का देशांतरीय फैलाव इसके लिए किस प्रकार लाभप्रद है?

उत्तर:- भारत 68° पूर्वी देशांतर से 97° पूर्वी देशांतर के बीच फैला हुआ है। अर्थात् भारत का देशांतरीय विस्तार 30° है जो हमारे देश के सबसे पूर्वी और सबसे पश्चिमी भागों के बीच लगभग 2 घंटे का अंतर पैदा करता है। इसलिए गुजरात की अपेक्षा अरुणाचल प्रदेश में दो घंटे पहले सूर्योदय होता है और गुजरात में अरुणाचल प्रदेश की तुलना में दो घंटे बाद सूर्यास्त होता है। इन दोनों क्षेत्रों के सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में अंतर होने के बावजूद घड़ी के समय में अंतर नहीं होता।

(iv) जबकि पूर्व में, उदाहरणतः नागालैंड में, सूर्य पहले उदय होता है और पहले ही अस्त होता है, फिर कोहिमा और नई दिल्ली में घड़ियाँ एक ही समय क्यों दिखाती हैं?

उत्तर:- भारत में पूरे देश के लिए एक ही मानक समय निर्धारित किया गया है| 82°30' पूर्व याम्योत्तर को भारत की मानक याम्योत्तर चुना गया है| भारतीय मानक समय ग्रीनविच माध्य समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है| इसलिए, जबकि पूर्व में, उदाहरणतः नागालैंड में, सूर्य पहले उदय होता है और पहले ही अस्त होता है, फिर कोहिमा और नई दिल्ली में घड़ियाँ एक ही समय दिखाती हैं|


3. परिशिष्ट-I पर आधारित क्रियाकलाप (इस अभ्यास को समझाने व विद्यार्थियों से करवाने में अध्यापक सहायता कर सकते हैं)

(i) एक ग्राफ़ पेपर पर मध्यप्रदेश, कर्नाटक, मेघालय, गोवा, केरल तथा हरियाणा के ज़िलों की संख्या को आलेखित कीजिए। क्या ज़िलों की संख्या का राज्यों के क्षेत्रफल से कोई संबंध है?


(ii) उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा, राजस्थान तथा जम्मू और कश्मीर में से कौन-सा राज्य सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला और कौन-सा एक न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य है?

उत्तर :– सर्वाधिक घनत्व वाला राज्य (904 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी) पश्चिम बंगाल तथा सबसे कम घनत्न वाला राज्य (13 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी) अरुणाचल प्रदेश है।


(iii) राज्य के क्षेत्रफल व ज़िलों की संख्या के बीच संबंध को ढूंढिए।

उत्तर:– राज्य के क्षेत्रफल व जिलों की संख्या के बीच सामान्यत: धनात्मक सम्बन्ध पाया जाता है। यदि राज्य का क्षेत्रफल अधिक होता है तो जिलों की संख्या भी अधिक पाई जाती है।

(iv) तटीय सीमाओं से संलग्न राज्यों की पहचान कीजिए।

उत्तर:– तटीय सीमाओं पर स्थित राज्य निम्नलिखित हैं-

अरब सागर की ओर- गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक एवं केरल।

बंगाल की खाड़ी की ओर- तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा तथा प० बंगाल।

(v) पश्चिम से पूर्व की ओर स्थलीय सीमा वाले राज्यों का क्रम तैयार कीजिए।

उत्तर:– पश्चिम से पूर्व की ओर स्थित स्थलीय सीमा वाले राज्य क्रमश: इस प्रकार हैं–हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, प० बंगाल तथा अरुणाचल प्रदेश।

4. परिशिष्ट-II पर आधारित क्रियाकलाप (इस अभ्यास को समझाने व विद्यार्थियों से करवाने में अध्यापक सहायता कर सकते हैं)

(i) उन केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची बनाइए जिनकी स्थिति तटवर्ती है।

(ii) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्रफल और जनसंख्या में अंतर की व्याख्या आप किस प्रकार करेंगे?


उत्तर:-

1. The Government of NCT of Delhi(Delhi)

Total Population

16,787,941

Total Area

1,484 Sq. Km.

2. Andaman and Nicobar Islands(Port Blair)

Total Population

4,34,192 (Est.),2019

Total Area

8,249 Sq. Km.

(iii) एक ग्राफ़ पेपर पर दंड आरेख द्वारा केंद्र शासित क्षेत्रों के क्षेत्रफल व जनसंख्या को आलेखित कीजिए।

उत्तर:-

Union Territories * S (Summer) and * W (Winter)

1. Andaman and Nicobar Islands(Port Blair)

Total Population

4,34,192 (Est.),2019

Total Area

8,249 Sq. Km.

 

2. Chandigarh(Chandigarh)

Area: 114 sq km

Population (Census 2011): 1,055,450

Area : 603 Sq. Km

Population : 52,074

4. The Government of NCT of Delhi(Delhi)

Total Population

16,787,941

Total Area

1,484 Sq. Km.

 

Total Population

12,267,032

Total Area

1,25,535 Sq. Km.

 

6. Ladakh(Leh)

Total Population

4,34,192 (Est.),2019

Total Area

9,6,701 Sq. Km.

 

7. Lakshadweep(Kavaratti)

Total Population

64,473

Total Area

32 Sq. Km.

 

8. Puducherry(Puducherry)

Total Population

1,247,953

Total Area

479 Sq. Km.


परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

 

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत किस महाद्वीप में स्थित है?

(क) यूरोप में

(ख) अफ्रीका में

(ग) एशिया में

(घ) ऑस्ट्रेलिया में

प्रश्न 2. भारत किस कटिबन्ध में स्थित है?

(क) उपोष्ण

(ख) उष्ण

(ग) शीतोष्ण

(घ) शीत


प्रश्न 3. भारत की वह नदी जो ज्वारनदमुख बनाती है?

(क) ताप्ती

(ख) महानदी

(ग) गोदावरी

(घ) लूनी


प्रश्न 4. ‘शिपकी-ला दर्रा भारत को जोड़ता है?

(क) पाकिस्तान से

(ख) चीन से

(ग) भूटान से

(घ) नेपाल से

प्रश्न 5. भारत के दक्षिण में स्थित देश का नाम है?

(क) श्रीलंका

(ख) नेपाल

(ग) चीन

(घ) म्यांमार


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. उन देशों के नाम लिखिए जिनकी सीमाएँ भारत की उत्तरी सीमा से मिलती हैं।

उत्तर: (1) चीन, (2) अफगानिस्तान, (3) पाकिस्तान, (4) नेपाल, (5) भूटान।

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प्रश्न 2. भारत के उन राज्यों के नाम लिखिए जो बांग्लादेश की सीमा बनाते हैं?

उत्तर:पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम।



प्रश्न 3. भारतीय उपमहाद्वीप के हिमालय पर्वत को पार करने में सहायक चार दरों के नाम लिखिए?

उत्तर:

(1) काराकोरम, (2) शिपकीला, (3) नाथुला, (4) बोमडिला।


प्रश्न 4. उत्तरी-पूर्वी पर्वतीय राज्यों के नाम बताइए?

उत्तर:- (1) अरुणाचल प्रदेश, (2) असम, (3) नागालैण्ड, (4) मणिपुर, (5) मिजोरम, (6) त्रिपुरा, (7) मेघालय।

प्रश्न 5. भारत के अक्षांशीय एवं वेशान्तरीय विस्तार को लिखिए?

उत्तर: भारत हिन्द महासागर के शीर्ष पर स्थित एक विशाल देश है। इसका क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी है। भारत 8°4 उत्तर से 37°6 उत्तरी अक्षांश और 68°7 से 97°25 पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है।

प्रश्न 6. भारत की सीमाओं पर स्थित पडोसी देशों के नाम लिखिए?

उत्तर: भारत की पूर्वी सीमा बांग्लादेश तथा म्यांमार से, पश्चिमी सीमा पाकिस्तान व अफगानिस्तान से, उत्तरी सीमा चीन, नेपाल और भूटान से तथा दक्षिण में श्रीलंका से मिलती है।


प्रश्न 7. क्षेत्रफल में भारत से बड़े छः देशों के नाम बताइए?

उत्तर:- भारत का विश्व में क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवाँ स्थान है। इससे बड़े छः अन्य देश हैं-

(1) रूस, (2) संयुक्त राज्य अमेरिका, (3) कनाडा, (4) चीन, (5) ब्राजील, (6) आस्ट्रेलिया।

प्रश्न 8. भारत-पाकिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय सीमा-रेखा का वर्णन कीजिए?

उत्तर:- भारत और पाकिस्तान के बीच निर्धारित कृत्रिम सीमा रेखा 3,323 किमी लम्बी है। यह सीमा-रेखा प्राकृतिक नहीं है। भारत के गुजरात, राजस्थान, पंजाब एवं जम्मू-कश्मीर राज्यों की सीमाएँ पाकिस्तान को भारत से पृथक् करती हैं।

प्रश्न 9. भारत के मध्य से कौन-सी देशान्तर एवं अक्षांश रेखाएँ गुजरती हैं?

उत्तर:- 82°30 पूर्वी देशान्तर रेखा उत्तर-दक्षिण में तथा 23°30 उत्तरी अक्षांश (कर्क रेखा) भारत के मुध्य से गुजरती है।

प्रश्न 10. भारत की तट रेखा की कुल लम्बाई कितनी है?

उत्तर:- भारत की तट रेखा की कुल लम्बाई 7,516.6 किमी है।

प्रश्न 11. भारत का कुल क्षेत्रफल कितना है?

उत्तर: भारत का कुल क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किमी है।

प्रश्न 12. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है?

उत्तर:- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का विश्व में सातवाँ स्थान है।

प्रश्न 13. भारत किस गोलार्द्ध में स्थित है?

उत्तर:- भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।

प्रश्न 14. भारत का दक्षिणतम बिन्दु (सिरा) कौन-सा है तथा कहाँ स्थित है?

उत्तर:- भारत का दक्षिणतम बिन्दु इन्दिरा प्वॉइण्ट है जो निकोबार द्वीपसमूह के दक्षिण में स्थित है।

प्रश्न 15. भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य का नाम बताइए?

उत्तर: भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य का नाम अरुणाचल प्रदेश है।

प्रश्न 16. भारत का कौन-सा पश्चिमी राज्य कच्छ क्षेत्र में स्थित है?

उत्तर:- भारत का पश्चिमी राज्य गुजरात कच्छ क्षेत्र में स्थित है।

प्रश्न 17. भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार कितने देशान्तरों के बीच फैला है?

उत्तर: भारत का पूर्व-पश्चिम विस्तार लगभग 30 देशान्तरों के बीच फैला है।

प्रश्न 18. भारत किस महासागर के शीर्ष पर स्थित है?

उत्तर: भारत हिन्द महासागर के शीर्ष पर स्थित हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत का अक्षांशीय विस्तार बताइए। इसके प्रभाव को समझाइए?

उत्तर: भारत का अक्षांशीय विस्तार भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4 उत्तरी से 37°6 उत्तरी अक्षांशों के मध्य है। इस विस्तृत भाग पर अक्षांशों के प्रभाव को निम्नांकित तथ्यों में स्पष्ट किया जा सकता है|

(i) अक्षांशीय विस्तार के कारण भारत के दक्षिणी भागों में सूर्यातप की मात्रा उत्तरी भागों की अपेक्षा अधिक है।

(ii) भारत के दक्षिणी भाग की अपेक्षा उत्तरी भाग में रात और दिन की अवधि का अन्तर बढ़ता जाता है।

(iii) ऐसा देखा गया है कि भारत के सुदूर दक्षिण भाग में जब दिन और रात का अन्तर केवल 45 मिनट होता है तो उत्तर को जाते हुए यह अन्तर सुदूर उत्तरी क्षेत्रों में पाँच घण्टे तक हो जाता है।

(iv) प्रायद्वीपीय भारत, जो भूमध्य रेखा के अधिक निकट है, की जलवायु गर्म रहती है तथा यहाँ शीत ऋतु नहीं होती है, जबकि भूमध्य रेखा से दूर उत्तरी भारत की जलवायु विषम रहती है, यहाँ गर्मियों  में अधिक गर्मी और सर्दियों में अधिक सर्दी होती है।

 

प्रश्न 2. भारत के देशान्तरीय विस्तार के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए?

उत्तर:– भारत के देशान्तरीय विस्तार का प्रभाव उसके पूर्व-पश्चिम विस्तार से व्यापक महत्त्व रखता है। अपने इसी विस्तार के कारण इसके पड़ोसी देशों की दूरी का निर्धारण होता है। देशान्तरीय विस्तार के कारण भारत के पूर्व में स्थित देश; जैसे–म्यांमार, थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया व वियतनाम तथा पश्चिम में स्थित देश; जैसे-पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक आदि भारत के निकट स्थित हैं। इसीलिए इन देशों से भारत के आर्थिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध प्राचीनकाल से रहे हैं। अपने विस्तृत पूर्वी-पश्चिमी विस्तार के कारण भारत जहाँ पूर्व की ओर चीन, जापान व ऑस्ट्रेलिया के निकट है, वहीं पश्चिम की ओर अफ्रीकी और यूरोपीय देशों से भी इसकी निकटता है। इस प्रकार भारत अपने देशान्तरीय विस्तार के कारण सुगमता से विश्व के सभी देशों के साथ व्यापारिक व सांस्कृतिक सम्बन्ध स्थापित कर सकता है।

प्रश्न 3. पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की स्थिति केन्द्रीय है, क्यों?

उत्तर:- पूर्वी गोलार्द्ध का देशान्तरीयं विस्तार 0° से 180° पूर्व है। इसकी मध्य स्थिति 90° पूर्वी देशान्तर रेखा पर है, जबकि 87°30 पूर्वी देशान्तर भारत की केन्द्रीय मध्याह्न रेखा है। यह भारत से ही होकर गुजरती है। इसी प्रकार भारत का अक्षांशीय विस्तार 8°4 उत्तर से आरम्भ होता है, जो विषुवत् रेखा के अति निकट है। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की स्थिति लगभग केन्द्रीय है। केन्द्रीय स्थिति होने के कारण ही भारत के विदेशों से व्यापारिक एवं वाणिज्यिक सम्बन्ध बहुत प्रगाढ़ हुए हैं। इस प्रकार भारत पश्चिमी औद्योगिक देशों को पूर्वी खेतिहर देशों से मिलाने के लिए एक कड़ी का कार्य करता है।

प्रश्न 4. भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है?

उत्तर:- भारतीय उपमहाद्वीप एक सुस्पष्ट भौगोलिक इकाई है, जो एशिया महाद्वीप के उच्चावच स्वरूप को देखते ही स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आती है। यहाँ एक विशिष्ट संस्कृति का विकास हुआ है। भारत सहित उसके पड़ोसी देशों–पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका एवं मालदीव की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, मिट्टी तथा जनसंख्या विशेषताओं में विभिन्नताएँ एवं विविधताएँ होते हुए भी एकरूपता दिखाई देती है। इसी कारण इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है। एशिया महाद्वीप में भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति वास्तव में एशिया से पृथक् दिखाई देती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत का भौगोलिक वर्णन निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत कीजिए:-

(क) स्थिति एवं विस्तार,

(ख) भू-आकृति (उच्चावच)।

उत्तर:-

(क) भारत की स्थिति एवं विस्तार

हिन्द महासागर के शीर्ष पर स्थित भारत एक विशाल देश है। इसका क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी (2.43%) है। भारत 894 से 37°6 उत्तरी अक्षांशों और 687 से 9725 पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। निकोबार द्वीप समूह में स्थित इन्दिरा प्वॉइण्ट’ भारत का दक्षिणतम बिन्दु है। मुख्य स्थल पर कन्याकुमारी भारत का सबसे दक्षिण में स्थित बिन्दु है जबकि जम्मू-कश्मीर राज्य में स्थित ‘इन्दिरा कोल’ सबसे उत्तरी बिन्दु। 26 दिसम्बर, 2009 में सूनामी के कारण भारत के सबसे दक्षिणी बिन्दु ‘इन्दिरा प्वॉइण्ट’ ने जल समाधि ले ली। 82°30 पूर्वी देशान्तर रेखा भारत की प्रामाणिक देशान्तर रेखा है, जो इलाहाबाद से होकर गुजरती है। कर्क वृत्त (23°30 उत्तरी अक्षांश) देश के लगभग मध्य में होकर गुजरती है; अत: क्षेत्र का उत्तरी भाग उपोष्ण (सम-शीतोष्ण) कटिबन्ध में तथा दक्षिणी भाग उष्ण कटिबन्ध में पड़ता है। भारतीय मानक समय रेखा भारत के पाँच राज्यों-उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आन्ध्र प्रदेश से गुजरती है। भारत का दक्षिणी भाग, जिसमें प्रायद्वीपीय भारत सम्मिलित है, उष्ण कटिबन्ध में आता है। उत्तरी भाग, जिसमें मुख्यतः उत्तर का पर्वतीय मैदानी भाग है, उपोष्ण कटिबन्ध में आता है। तीन ओर से सागरों से घिरा होने के कारण यहाँ विशिष्ट मानसूनी जलवायु पायी जाती है, जो देश के समूचे अर्थतन्त्र को प्रभावित करती है। भारत यूरोप से ऑस्ट्रेलिया तथा दक्षिणी और पूर्वी एशियाई देशों के व्यापारिक मार्गों पर स्थित है। इसलिए प्राचीन काल से ही यहाँ विदेशी व्यापार उन्नत रहा है।

भारतीय उपमहाद्वीप एक सुस्पष्ट भौगोलिक इकाई है जिसमें एक विशिष्ट संस्कृति का विकास हुआ है। इस महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान, केन्द्र में भारत, उत्तर में नेपाल, उत्तर-पूर्व में भूटान तथा पूर्व में बांग्लादेश सम्मिलित हैं। हिन्द महासागर में स्थित द्वीपीय देश श्रीलंका और मालदीव हमारे दक्षिणी पड़ोसी देश हैं। इन प्रदेशों की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, प्राकृतिक मिट्टी तथा जनसंख्या की विशेषताओं में विभिन्नताएँ तथा विविधताएँ होते हुए भी उनमें एकात्मकता दिखाई पड़ती है। इसीलिए इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है।

भारत विषुवत रेखा के उत्तर में स्थित है। इस कारण यह उत्तरी गोलार्द्ध में आता है। प्रधान मध्याह्न रेखा (ग्रीनविच रेखा) के पूर्व में स्थित होने के कारण भारत पूर्वी गोलार्द्ध में आता है। हम जानते हैं कि मध्याह्न रेखा की मध्य स्थिति 90° पूर्वी देशान्तर है, जो भारत से ही होकर गुजरती है। 82°30 पूर्वी मध्याह्न रेखा भारत की मानक मध्याह्न रेखा है। इससे पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की केन्द्रीयं स्थिति स्पष्ट हो जाती है।

भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण मध्य प्रायद्वीप में स्थित है। एशिया संसार में सबसे बड़ा तथा सबसे अधिक जनसंख्या वाला महाद्वीप है। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण ही भारत को प्राचीन काल से ही आर्थिक लाभ प्राप्त हुए हैं।

(ख) भारत का उच्चावच अथवा प्राकृतिक स्वरूप (बनावट)

उच्चावच से तात्पर्य किसी भू-भाग के ऊँचे व नीचे धरातल से है। सभी प्रकार के पहाड़ी, पठारी व मैदानी तथा मरुस्थलीय क्षेत्र मिलकर किसी क्षेत्र के उच्चावच का निर्माण करते हैं। उच्चावच की दृष्टि से भारत में अनेक विभिन्नताएँ मिलती हैं। इनका मूल कारण अनेक शक्तियों और संचालनों का परिणाम है, जो लाखों वर्ष पूर्व घटित हुई थीं। इसकी उत्पत्ति भूवैज्ञानिक अतीत के अध्ययन से स्पष्ट की जा सकती है। आज से 25 करोड़ वर्ष पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप विषुवत् रेखा के दक्षिण में स्थित प्राचीन गोण्डवानालैण्ड का एक भाग था। अंगारालैण्ड नामक एक अन्य प्राचीन भूखण्ड विषुवत् रेखा के उत्तर में स्थित था। दोनों प्राचीन भूखण्डों के मध्य टेथिस नामक एक सँकरा, लम्बा, उथला सागर था। इन भूखण्डों की नदियाँ टेथिस में अवसाद जमा करती रहीं, जिससे कालान्तर में टेथिस सागर पट गया। पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण दोनों भूखण्ड टूटे। गोण्डवानालैण्ड से भारत का प्रायद्वीप अलग हो गया तथा भूखण्डों के टूटे हुए भाग विस्थापित होने लगे। आन्तरिक हलचलों से टेथिस सागर के अवसादों की परतों में भिंचाव हुआ और उसमें विशाल मोड़ पड़ गए। इस प्रकार हिमालय पर्वत-श्रृंखला की रचना हुई। इसी कारण हिमालय को वलित पर्वत कहा जाता है।

हिमालय की उत्पत्ति के बाद भारतीय प्रायद्वीप और हिमालय के मध्य एक खाई या गर्त शेष रह गया। हिमालय से निकलने वाली नदियों ने स्थल का अपरदन करके अवसादों के उस गर्त को क्रमश: भरना शुरू किया जिससे विशाल उत्तरी मैदान की रचना हुई। इस प्रकार भारतीय उपमहाद्वीप की भू-आकृतिक इकाइयाँ अस्तित्व में आयीं।

भारत एक विशाल देश है। भू-आकृतिक संरचना की दृष्टि से भारत में अनेक विषमताएँ एवं विभिन्नताएँ दृष्टिगोचर होती हैं। भारत का 29.3% भाग पर्वतीय, पहाड़ी एवं ऊबड़-खाबड़, 27.7% भाग पठारी तथा 43% भाग मैदानी है। भारत में अन्य देशों की अपेक्षा मैदानी क्षेत्रों का विस्तार अधिक है (विश्व का औसत 41%)। देश में एक ओर नवीन मोड़दार पर्वत-श्रृंखलाएँ हैं तो दूसरी ओर विस्तृत तटीय मैदान, कहीं नदियों द्वारा निर्मित समतल उपजाऊ मैदान हैं तो कहीं प्राचीनतम कठोर चट्टानों द्वारा निर्मित कटा-फटी पठारी भाग है।

प्रश्न 2. भारत की भौगोलिक स्थिति के दो महत्त्वपूर्ण प्रभाव बताइए?

उत्तर:- भारत की भौगोलिक स्थिति की अमिट छाप इसके समग्र प्रतिरूप पर पाई जाती है। चाहे जलवायु की बात हो या व्यापार की, उद्योग की बात हो या कृषि की, राजनीति की बात हो या धर्म की; सभी क्षेत्रों में इसकी भौगोलिक स्थिति का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है; यथा—

(A) भौगोलिक स्थिति का जलवायु पर प्रभाव-

हिन्द महासागर में भारत का प्रायद्वीपीय भाग लगभग 1,600 किमी तक प्रवेश कर गया है, जिसके कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी अपना समकारी प्रभाव सम्पूर्ण प्रायद्वीपीय भारत की जलवायु पर डालते हैं और उत्तरी भारत की जलवायु को भी प्रभावित करते हैं। हिन्द महासागर और हिमालय पर्वत का ही प्रभाव है कि भारत का लगभग दो-तिहाई भाग उपोष्ण कटिबन्ध में स्थित होते हुए भी भारत उष्ण कटिबन्धीय मानसूनी जलवायु का देश कहलाता है। हिमालय पर्वत भारत की जाड़ों में उत्तर से आने वाली अत्यन्त शीतल एवं बर्फीली पवनों से रक्षा करता है और गर्मियों में मानसूनी पवनों को रोककर पर्वतीय ढालों पर वर्षा कराता है।

(B) हिन्द महासागर का व्यापार पर प्रभाव-

हिन्द महासागर ने न केवल भारत की जलवायु को ही प्रभावित किया है, वरन् तटीय व विदेशी व्यापार को भी प्रभावित किया है। हिन्द महासागर को तीन । महाद्वीप-अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया-घेरे हुए हैं तथा इसके तटों पर संसार की लगभग एक-चौथाई जनसंख्या निवास करती है। इस महासागर के शीर्ष पर स्थित होने से भारत इस जनसंख्या से सीधा व्यापारिक सम्पर्क कर सकता है। हिन्द महासागर से होकर संसार का प्रसिद्ध समुद्री मार्ग स्वेज नहर गुजरता है, जिसका लाभ भारत को ठीक उसी प्रकार प्राप्त है जैसे कोई नगर किसी व्यस्त सड़क मार्ग का लाभ उठाता है। स्वेज नहर मार्ग द्वारा भारत पश्चिम में यूरोप और उत्तरी अमेरिकी देशों से जुड़ा है। इसी प्रकार पूरबे में मलक्का जलडमरूमध्य द्वारा यह जापान, चीन, दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों और ऑस्ट्रेलिया से जुड़ा है।


प्रश्न 3. हिन्द महासागर के शीर्ष पर भारत की केन्द्रीय स्थिति किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है?

उत्तर:- पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की स्थिति लगभग केन्द्रीय है। अपनी केन्द्रीय स्थिति के कारण ही प्राचीन काल में भारत के पश्चिम में अरब देशों से तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया एवं सुदूरपूर्व के देशों के साथ सांस्कृतिक, व्यापारिक एवं वाणिज्यिक सम्बन्ध स्थापित हो गए थे। हिन्द महासागर के शीर्ष पर भारत की स्थिति पूर्वी गोलार्द्ध में बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। पश्चिम से पूर्व तथा पूर्व से पश्चिम जाने वाले महत्त्वपूर्ण जलमार्ग तथ वायुमार्ग भारत से होकर गुजरते हैं। इसकी केन्द्रीय स्थिति का महत्त्व इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है।

केन्द्रीय स्थिति के कारण भारत अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्गों का केन्द्र हैं। पूर्व से पश्चिम तथा पश्चिम से | पूर्व जाने वाले सभी जलयान भारत से ही होकर गुजरते हैं।

भारत हिन्द महासागर द्वारा अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों से जुड़ा हुआ है। इसकी केन्द्रीय स्थिति विदेशों से व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित करने में बहुत सहायक रही है।

केन्द्रीय स्थिति के फलस्वरूप ही भारत पूर्व और पश्चिम के लिए अन्तर्राष्ट्रीय वायुमार्गों का संगम स्थल है। इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय सम्पर्क स्थापित करने में भारत को बड़ी सहायता मिली है।

भारत के समीपवर्ती अधिकांश दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश औद्योगिक दृष्टि से बहुत पिछड़े हुए हैं। अतः भारत के विनिर्मित माल आसानी से इन देशों में बिक जाते हैं।

प्रायद्वीपीय भारत तीन ओर से समुद्र द्वारा घिरा है। इसकी तट रेखा सपाट एवं विशाल है। अत: इसके पत्तन वर्षभर सभी देशों के जल परिवहन के लिए खुले रहते हैं।

सन् 1865 ई० से स्वेज नहर जलमार्ग के खुल जाने से पश्चिमी देशों के बीच भारत की दूरी लगभग 7,000 किमी कम हो गई है। अत: भारत पूर्व एवं पश्चिम को जोड़ने वाली एक कड़ी के रूप में कार्य करता है।

प्रश्न 4. भारत की सीमाओं का वर्णन कीजिए। भारत के समीपवर्ती देशों से सम्पर्क स्थापित करने में भौगोलिक कठिनाइयों को बताइए?

उत्तर:- भारत की सीमाओं का वर्णन इस प्रकार है

1. चीन से लगने वाली उत्तरी सीमा– भारत की उत्तरी सीमा चीन, नेपाल तथा भूटान देशों से मिलती है। यहाँ हिमालय पर्वतमाला एक प्राकृतिक सीमारेखा के रूप में कार्य करता है। भारत चीन के मध्य की सीमा को मैकमोहन रेखा कहते हैं जो सिक्किम राज्य से म्यांमार की सीमा तक 4,248 किमी लम्बी है। सामरिक दृष्टि से यह सीमारेखा बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।

2. पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा- भारत की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से मिलती है, जो अप्राकृतिक है तथा जिसकी लम्बाई 1,120 किमी है। भारत के अनुसार, राजस्थान, पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर राज्यों की सीमाएँ पाकिस्तान को पृथक् करती हैं।

3. बांग्लादेश तथा म्यांमार से लगने वाली सीमा- पूर्व की ओर भारत की सीमा बांग्लादेश से मिलती है, जो अप्राकृतिक है। इसके सीमान्त पर पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्य स्थित हैं। म्यांमार और भारत के मध्य हिमालय की अराकानयोमा पर्वत-श्रेणी है। इस सीमान्त पर अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर तथा मिजोरम राज्य स्थित हैं।

4. भारत की तटरेखा– भारत की तटरेखा पूर्व में बंगाल की खाड़ी से लेकर हिन्द महासागर के शीर्ष से होती हुई पश्चिम में कच्छ की खाड़ी (अरब सागर) तक विस्तृत है। अरब सागर में लक्षद्वीप मिनीकॉय एवं अमीनदीवी द्वीपसमूह तथा बंगाल की खाड़ी में अण्डमान-निकोबार द्वीपसमूह स्थित हैं। इस क्षेत्र में भारत की सीमा पाक जलडमरूमध्य द्वारा श्रीलंका से मिलती है। समीपवर्ती देशों से सम्पर्क स्थापित करने में भारत की भौगोलिक कठिनाइयाँ निम्नलिखित हैं:-
(i) भारत का उत्तरी भाग अत्यन्त ही दुर्गम है; अत: हिमालय पर्वतमाला के कारण केवल कुछ दर्रा मार्गों द्वारा ही इसे पार किया जा सकता है।
(ii) भारत की उत्तरी सीमा पर पाकिस्तान एवं चीन हैं। इन दोनों ही देशों से सामरिक खतरों के कारण इस संवेदनशील क्षेत्र में सम्पर्क स्थापित करना कठिन है।
(iii) विदेश नीति के कारण भी दुर्गम सीमान्त क्षेत्रों में सम्पर्क स्थापित करना कठिन है।

 

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