कंप्यूटर की संरचना और कार्य प्रणाली



👉 कंप्यूटर की बनावट और कार्यप्रणाली को समझने के लिए तीन भागों में बांट सकते हैं—
1.इनपुट यूनिट (input unit)
2.सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट(central processing unit/CPU)
(क) ARITHMETIC AND LOGIC UNIT (ALU)
(ख) MEMORY UNIT- Main& secondary
(ग) CONTROL UNIT
3.आउटपुट यूनिट(OUTPUT UNIT)
✍️1.इनपुट यूनिट (input unit)
ऐसा प्रक्रम जो सभी निर्देशों और आंकड़ों को कंप्यूटर में भेजता है।
सभी निर्देश और आंकड़े पहले बायनरी कोड में बदलने पड़ते हैं और उसके बाद कंप्यूटर में जाते हैं क्योंकि कंप्यूटर इसी भाषा को समझता है और इसी भाषा में निर्देशों का पालन करता है।
कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले लगभग 12 इनपुट प्रक्रम है जो अपने आप आंकड़ों को बायनरी कोड में बदल देते हैं।
इसके लिए कंप्यूटर प्रयोग करने वाले व्यक्ति को कुछ भी नहीं करना पड़ता।
कंप्यूटर में प्रयोग होने वाले इनपुट प्रक्रम निम्नलिखित हैं-
3. मैग्नेटिक टेप
5. फ्लॉपी डिस्क
12. जॉय स्टिक
✍️2. CPU- central processing unit
क. एएलयू अरिथमैटिक और लॉजिक यूनिट
ख. मेमोरी
ग. कंट्रोल यूनिट
यह तीनों यूनिट एक दूसरे से मिलकर काम करते हैं और किसी भी समस्या का हल करके आउटपुट यूनिट में भेजते हैं।
⭐(क). एएलयू- अरिथमैटिक और लॉजिक
इस यूनिट में यह सभी इनपुट के रूप में आते हैं, जिसका समाधान करके यह मेमोरी में भेज देता है।
समस्त लॉजिक की क्रिया यहीं पर होती हैं।
इस यूनिट के सभी कार्यकलाप बायनरी अंकों में होते हैं।
ए एल यू के कई भाग(जोड़ने वाला भाग, घटाने वाला भाग आदि)होते हैं।
कंप्यूटर के इस भाग में बहुत से रजिस्टर होते हैं जो सूचनाओं को इलेक्ट्रान स्पंदनों के रूप में एकता करते रहते हैं।
इन रजिस्टर में बहुत से स्विच होते हैं, जिन्हें फ्लिप- फ्लॉफ कहते हैं।
फ्लिप- फ्लॉफ बहुत से ट्रांजिस्टर से मिलकर बने होते हैं।
यह कंप्यूटर के सभी आंकड़ों और निर्देशों को संचित करता है।
इसके 2 भाग होते हैं—
मुख्य मेमोरी (Main memory)
सेकेंडरी मेमोरी
Main memory- इसे इमीडिएट एक्सेस मेमोरी स्टोरेज (IAS) भी कहते हैं।
यह हमारी स्मृति की तरह सूचनाओं को संचित करता है और आवश्यकता पड़ने पर यह पुनः फिर से प्राप्त कर सकता है।
निर्देशों का संचय इसी में होता है।
यह भाग ALU के साथ जुड़ा होता है।
सेकेंडरी मेमोरी- सूचनाओं का शेष भाग इसी मेमोरी में संचित रहता है।
मुख्य समृति की तुलना में यह काफी धीमी होती है।
इसमें सूचना पंच कार्ड पेपर टेप के क्षेत्रों के रूप में संचित होती है।
⭐(ग). कंट्रोल यूनिट-
यह भाग कंप्यूटर के अंदर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
यह देखता है कि प्रोग्राम के निर्देशों का ठीक प्रकार से पालन हो रहा है या नहीं।
यदि सीपीयू को कंप्यूटर का मस्तिष्क कहें तो कंट्रोल यूनिट को तंत्रिकाओं की उपमा दे सकते हैं।
सीपीयू के सभी कार्य कंट्रोल यूनिट द्वारा नियंत्रित होते हैं।
कंट्रोल यूनिट क्लॉक(clock) नाम के संदेश सीपीयू को इलेक्ट्रॉनिक स्पन्दों के रूप में भेजता है।
इनसे सीपीयू की गणनाओं में एक लयबद्धता आती है।
अलग-अलग कंप्यूटरों में क्लॉक की दर(speed) अलग-अलग होती है।
क्लॉक दर जितनी ज्यादा होगी कंप्यूटर उतना ही अधिक तीव्र होगा।
आईबीएम के पर्सनल कंप्यूटर में क्लॉक दर 4000 मेगाहर्ट्ज तक होती है।
✍️3.आउटपुट यूनिट(OUTPUT UNIT)
2. कंप्यूटर मॉनिटर
3. प्रिंटर(ऑप्टिकल, लेजर व लाइन प्रिंटर)
4. टेप पचर
7. फ्लॉपी डिस्क
नोट:- कम्प्यूटर के कुछ प्रक्रम आउटपुट और इनपुट दोनों होते हैं
जैसे-
फ्लॉपी डिस्क
मैग्नेटिक डिस्क आदि।
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