राजनीति विज्ञान परिभाषा क्षेत्र और प्रकृति (परंपरागत दृष्टिकोण)
✍️राजनीति आंग्ल शब्द पॉलिटिक्स का पर्यायवाची है।
✍️पॉलिटिक्स शब्द यूनानी भाषा के polis से बना है जिसका अर्थ है नगर अथवा राज्य।
1. राज्य के अध्ययन के रूप में (ब्लंटशली,गैरिज,गार्नर,गुडनोव आदि)
2. सरकार के अध्ययन के रूप में (सील, लीकॉक)
3. राज्य और सरकार दोनों के सामूहिक रूप में (पॉल जैनेट, डिमॉक, गिलक्राइस्ट, लॉस्की, गैटल)
✍️राजनीति विज्ञान के क्षेत्र को गार्नर ने तीन भागों में विभाजित किया-
1. राज्य की प्रकृति तथा उत्पत्ति की खोज
2. राजनीतिक संस्थाओं के स्वरूप, इतिहास तथा विभिन्न रूपों की गवेषणा
3. उक्त खोज तथा गवेषणा के आधार पर राजनीतिक विकास के नियमों का यथासंभव अनुमान
✍️1948 ईस्वी में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्रीय शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा समस्त विश्व के राजनीतिक विज्ञानियों का एक सम्मेलन हुआ, जिसमें राजनीतिक विज्ञान के क्षेत्र निम्नलिखित निर्धारित किए गए—
1. राजनीति के सिद्धांत
2. राजनीतिक संस्थाएं
3. राजनीतिक दल, दबाव समूह एवं लोकमत
4. अंतरराष्ट्रीय कानून
✍️परिवारों का समूह— कुल और जनपद/नगर राज्य— संघ— राष्ट्रीय राज्य— विश्व संघ
✍️राज्य के कार्य क्षेत्र के दो रूप—
1. आंतरिक
2. बाह्य
✍️"मैं ही राज्य हूं"— कथन है- लुई 14 वें का
✍️राजतंत्रात्मक शासन— कुलीन तंत्रात्मक शासन— प्रतिनिधि शासन
✍️प्रतिनिधि शासन के अंतर्गत सरकार के व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीन स्पष्ट अंग हो गए।
✍️समस्याओं का अध्ययन
स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
✍️वर्तमान में लोक कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना है।
✍️सर फ्रेडरिक पोलक ने राजनीति शब्द को दो भागों में बांट दिया—
1. सैद्धांतिक राजनीति
2. व्यवहारीक या प्रयोगात्मक राजनीति
✍️राजनीति विज्ञान को विज्ञान के रूप में न मानने वाले- बक्ल, काम्टे, मेटलैण्ड, एमास, बियर्ड, केटलिन, मोस्को,ब्रोगन, बर्क आदि।
✍️राजनीति विज्ञान को विज्ञान के रूप में मानने वाले- अरस्तु, बोंदा, हाब्स, माण्टेस्क्यू, ब्राइस, ब्लंटशली, जैलीनेक,फाइनर,लास्की आदि।
✍️केटलिन व लासवेल राजनीति विज्ञान को कला, विज्ञान और दर्शन का तीनों का रूप मानते हैं।
✍️"आदर्श राज्य और दार्शनिक राज्य की कल्पना" का चित्रण किया- प्लेटो ने
✍️"दर्शन न्याय और प्राकृतिक कानून" की अवधारणा को आधार बनाया-सिसरो ने
✍️"ईश्वरीय राज्य" की रूपरेखा प्रस्तुत की- संत आगस्टाइन ने
✍️"सामान्य इच्छा" की धारणा- रूसो द्वारा
✍️विश्व की मूल में "विश्वात्मा" को माना- हीगल ने
✍️विश्व के मूल में "शाश्वत चेतना" को माना- ग्रीन ने
✍️"नैतिक प्राणी" की अवधारणा- काण्ट ने
✍️व्यवहारवादी अध्ययन परंपरागत राजनीति विज्ञान का लक्षण नहीं है।
✍️पुस्तक और लेखक
1. ग्रामर ऑफ पॉलिटिक्स(Grammar of politics)- लॉस्की
2. राजनीतिक सिद्धांत(Principles of politics)- विल्सन
3. अनेक राजनीतिक विज्ञानों- वानमोहल
4. स्प्रिट ऑफ लॉज(Spirit of laws)- माण्टेस्क्यू
5. आधुनिक प्रजातंत्र(Morden Democracies)- लार्ड ब्राइस
6. द सिटी ऑफ गॉड(The city of God)- संत आगस्टाइन
7. रिपब्लिक(Republic)- अरस्तु
8.एक विश्व(One World)- वैण्डेल विल्की
✍️राजनीतिक विज्ञान विषय के अध्ययन का प्रारंभ और अंत राज्य के साथ माना- गार्नर ने
✍️राजनीति विज्ञान को सरकार से संबंधित विद्या माना- लीकॉक ने
✍️राजनीति शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग अरस्तु ने अपनी पुस्तक "पॉलिटिक्स" में किया।
✍️लियो स्ट्रास, माइकल ऑकशॉट तथा इन्ना आरेण्ट आधुनिक युग में परंपरागत राजनीति को जीवित रखने वाले अग्रणी विचारक हैं।

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