📃1773 ई. का रेगुलेटिंग
👉 1772 ई. में कंपनी के कर्मचारियों की गलत प्रवृत्ति के कारण कंपनी को हुई क्षति पर रिपोर्ट देने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री 'लार्ड नार्थ' द्वारा गठित 'गुप्त समिति' की सिफारिश पर पारित एक्ट को 1773 ई. का रेगुलेटिंग एक्ट की संज्ञा दी गई।
इसके तहत पहला कदम ब्रिटेन की संसद को भारत पर विधि बनाने के अधिकार पर बल दिया गया था। (I.A.S. (Pre) Opt. Pol. Science 1993)
👉 भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियमित व नियंत्रित करने की दिशा में पहला कदम।
👉 इसके तहत पहली बार कंपनी के प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यों को मान्यता मिली।
👉 इसके तहत ईस्ट इंडिया कंपनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित करने का प्रथम प्रयास किया गया।
👉 इसके द्वारा भारत में केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी गई।
👉इसका मुख्य उद्देश्य कंपनी के कार्यों को भारत तथा ब्रिटेन दोनों स्थानों पर नियंत्रित करना तथा कंपनी में व्याप्त दोषों को समाप्त करना था।
👉कंपनी के संपूर्ण प्रशासन के सुपरविजन हेतु इंग्लैंड में 2 संस्थाएं थी-
1. निदेशक मंडल(Court of of directors)2. स्वत्वधारी मंडल (Court of proprietors)
यह दोनों संस्थाएं गृह सरकार की अंग थी और पूर्ववर्ती संस्था इंग्लैंड में कंपनी की कार्यपालिका थी, जिसमें 24 निदेशक होते थे। इनका चुनाव प्रतिवर्ष स्वत्वधारी मंडल द्वारा किया जाता था। निदेशक मंडल प्रतिवर्ष सदस्यों में से एक अध्यक्ष तथा एक उपाध्यक्ष का चुनाव करता था। अध्यक्ष कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता था।
निदेशक मंडल (कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स) की कार्यविधि 1 वर्ष के स्थान पर बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई तथा यह उपबंध भी किया गया की कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स की कुल सदस्य संख्या (24) के एक चौथाई(1/4) सदस्य प्रतिवर्ष अवकाश ग्रहण करेंगे।
पुन:श्च कंपनी के निदेशक चुनने का अधिकार उन्हीं लोगों को होगा जो कम से कम 1 वर्ष पूर्व कंपनी में 1000 पौण्ड के शेयर धारक हो(पहले कंपनी के निदेशक मंडल का चुनाव कंपनी के 500 पौण्ड के अधिकारियों द्वारा होता था)।
👉कंपनी की गतिविधियों के दो मुख्य केंद्र थे:- इंग्लैंड और भारत
अधिनियम की निम्नलिखित विशेषताएं थी:-
👉 इसके तहत बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल पद नाम दिया गया अर्थात् गवर्नर-जनरल का पद पहली बार किस अधिनियम के अंतर्गत बनाया गया ।(UPPCS (Pre) Opt. Pol. Science 1998)
बंबई एवं मद्रास के गवर्नर को इसके अधीन किया गये, जबकि पहले सभी प्रेसिडेंसीयों के गवर्नर एक दूसरे से अलग-अलग थे अर्थात् युद्ध और शान्ति से संबंधित मामलों में बंगाल प्रेसिडेंसी को बॉम्बे प्रेसिडेंसी और मद्रास प्रेसिडेंसी से सर्वोपरि बनाया। (UPSC EPFO EO/AO 2023)
👉 बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स बने थे।
👉 कलकत्ता प्रेसिडेंसी में ऐसी सरकार स्थापित की गई, जिसमें गवर्नर जनरल तथा उसकी सहायता हेतु चार सदस्य कार्यकारी परिषद् का गठन किया गया, जो अपनी सत्ता का उपयोग संयुक्त रूप से करते थे।
गवर्नर- वारेन हेस्टिंग्स तथा 4 सदस्य - क्लैवरिंग, मॉनसन, बरवैल, फिलिप फ्रांसिस।
इनका कार्यकाल 5 वर्ष का था तथा निदेशक बोर्ड की सिफारिश पर केवल ब्रिटिश सम्राट द्वारा इन्हें हटाया जा सकता था। (UPSC EPFO EO/AO2023)
👉 इसके तहत गवर्नर जनरल तथा उसकी कौंसिल को नियम/कानून तथा अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई,परंतु इन कानूनों / नियमों को लागू करने से पूर्व भारत सचिव से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य था।
👉 इसके अंतर्गत 1774 ई. में कलकत्ता में एक उच्च न्यायालय की स्थापना की गई। (UPSC EPFO EO/AO) 2023/ Haryana PCS (Pre) 2017/UPPCS (Pre) Opt. Pol. Science 1999/UPPCS (Mains) 2010)
इसमें 4 न्यायाधीश (एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य न्यायाधीश) नियुक्त किए गए।
सर एलिजाह इम्पे (मुख्य न्यायाधीश), चैंम्बर्स, लिमेंस्टर तथा हाइड (अन्य न्यायाधीश)।
इस न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध इंग्लैंड स्थित प्रिवी कौंसिल में अपील की जा सकती थी।
इस न्यायालय में प्राथमिक तथा अपील के अधिकार की अनुमति थी।
👉 इसके तहत कंपनी के कर्मचारियों को बिना लाइसेंस प्राप्त किये निजी व्यापार करने और भारतीय लोगों से उपहार व रिश्वत लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
👉 गवर्नर जनरल तथा कौंसिल को फोर्ट विलियम एवं अधीनस्थ कारखानों के सामान्य परिचालन के लिए नियम, अध्यादेश और निर्देश बनाने की विधायक सत्ता भी दी गई।
👉 ब्रिटिश सरकार का कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स (कंपनी की गवर्निंग बॉडी) के माध्यम से कंपनी पर नियंत्रण सशक्त हो गया।
👉 इसके तहत भारतीय राजस्व,नागरिक और सैन्य मामलों की जानकारी ब्रिटिश सरकार को देना अनिवार्य कर दिया गया।
नोट:-1765 ईस्वी को इल्बर्ट ने एंग्लो- इंडियन इतिहास का युग प्रवर्तक काल कहा ।
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जवाब देंहटाएंGood job 👌
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